नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। लोकसभा के नए चुने गए सांसदों के शपथ ग्रहण के लिए 18 वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। वहीं राज्यसभा का सत्र 27 जून से शुरू होगा। दोनों सदनों की कार्यवाही 3 जुलाई तक चलेगी।
सत्र के दौरान, जहां लोकसभा में अपने सांसदों की संख्या बढ़ने से उत्साहित विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश करते नजर आएंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान अपने तीसरे कार्यकाल के एजेंडे को संसद के जरिए देश की जनता के सामने रखने के साथ-साथ विरोधी दलों पर भी तीखा हमला बोलते नजर आएंगे।
सत्र के दौरान लोकसभा अपने स्पीकर का चुनाव भी करेगी। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दोनों सदनों में अलग-अलग चर्चा भी होगी।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब भी देंगे।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद सत्र की तारीखों की घोषणा करते हुए एक्स पर पोस्ट कर बताया, “नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ/पुष्टि, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक बुलाया जा रहा है। राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा।”
आपको बता दें कि 18 वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने के पहले दो दिन यानी 24 और 25 जून को लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसद संसद सदस्यता की शपथ लेंगे। सांसदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के संपन्न हो जाने के बाद सदन को नए अध्यक्ष का भी चयन करना पड़ेगा।
स्थापित परंपरा के अनुसार, सरकार की तरफ से लोकसभा के अध्यक्ष के पद के लिए सांसदों में से ही एक सांसद का नाम प्रस्तावित किया जाएगा। अगर विपक्ष, सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष के चयन के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो फिर चुनाव की नौबत नहीं आएगी। लेकिन अगर विपक्ष अपनी तरफ से भी उम्मीदवार खड़ा करता है तो फिर 26 जून को लोकसभा के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सदन में वोटिंग हो सकती है।
दोनों ही सूरतों में लोकसभा के नए अध्यक्ष 26 जून को अपना कार्यभार संभाल लेंगे। 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर सकती हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के एजेंडे को जनता के सामने रखेगी।
परंपरा के मुताबिक, नई सरकार के गठन होने के कारण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट के मंत्रियों का परिचय भी सदन से करवाएंगे। सत्र के बाकी बचे हुए दिनों के दौरान, दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद अपनी-अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा और राज्यसभा में अलग-अलग हुई इस चर्चा का जवाब देंगे।
–आईएएनएस
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