पूर्णिया, 12 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग ने रूपौली विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी है। माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में पूर्णिया से नवनिर्वाचित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव महागठबंधन के लिए सबसे बड़े सिरदर्द होंगे।
लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से पप्पू यादव बतौर निर्दलीय जीतकर संसद पहुंच चुके हैं, जबकि राजद प्रत्याशी बीमा भारती को हार का मुंह देखना पड़ा है।
रूपौली से विधायक रहीं बीमा भारती लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही जदयू को छोड़कर राजद में शामिल हुई थीं और राजद ने उन्हें पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया था।
ऐसे में माना जा रहा है कि बीमा भारती एक बार फिर रूपौली से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक रूपौली भी है, जहां महागठबंधन में पिछली बार भाकपा का प्रत्याशी था। यह सीट पांच बार से विधायक रह चुकीं बीमा भारती के इस्तीफे से खाली हुई है।
लोकसभा चुनाव में बीमा को रूपौली से अपेक्षित सफलता भी नहीं मिली है। बदली परिस्थितियों में रूपौली के उपचुनाव पर सबकी नजरें टिकी हैं। विधानसभा चुनाव 2020 में राजद और वाम दल साथ थे, लेकिन बीमा भारती उस समय जदयू में थी और अब राजद में हैं।
यह सीट एनडीए में जदयू के खाते में जाना तय माना जा रहा है। इस बार एनडीए गठबंधन में जदयू, भाजपा और लोजपा एक साथ हैं। पिछले चुनाव में राजद ने यह सीट भाकपा को दी थी। इस बार यह सीट किसके खाते में जाएगी, यह बड़ा प्रश्न है।
लोकसभा चुनाव में राजद की ओर से खड़े किए गए अवरोधों से निपटते हुए जीत चुके पप्पू यादव राजद को रूपौली सीट आसानी से जाने देंगे, यह आसान नहीं लगता। पप्पू यादव फिलहाल कांग्रेस में नियमत: नहीं माने जाते हैं। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के लिए पप्पू यादव को मनाना सहज नहीं होगा। ऐसे में रूपौली उपचुनाव में महागठबंधन के किस घटक दल को यह सीट मिलती है, यह देखना दिलचस्प होगा। रूपौली में 10 जुलाई को मतदान होना है।
–आईएएनएस
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