पटना, 14 जून (आईएएनएस)। बिहार में लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं आने के बाद कारणों का पता लगाने के लिए भाजपा जुट गई है। इसको लेकर पिछले दो दिनों से प्रदेश कार्यालय में बैठकों का दौर जारी है।
माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा अपनी सभी कमियों को दूर कर लेना चाहती है। भाजपा चाहती है कि लोकसभा चुनाव में हुई गलतियों को विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जाए।
पिछले दो दिनों से भाजपा प्रदेश कार्यालय में जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों, लोकसभा प्रभारियों एवं लोकसभा संयोजकों के साथ भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने विस्तारकों से भी लोकसभा चुनाव के दौरान सफलता और चुनौतियों पर समीक्षात्मक संवाद किया।
इन सभी बैठकों में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया उपस्थित रहे।
भाजपा के नेताओं की मानें तो बैठक में कई बातें निकल कर सामने आई हैं। इसमें कई हारी हुई सीटों को एनडीए प्रत्याशी को भितरघात का भी सामना करना पड़ा है तो कुछ सीटों पर सामाजिक समीकरण दुरुस्त नहीं करने के कारणों को हार का जिम्मेदार बताया गया।
दूसरी, तरफ, विरोधी खेमा जातीय समीकरण को दुरुस्त कर अपने प्रत्याशी उतारे। औरंगाबाद सीट पर भाजपा को कुशवाहा जाति के वोटों से हाथ धोना पड़ा। समीक्षा बैठकों में यह बात उभर कर सामने आई है कि काराकाट में पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने से राजपूत उनके पक्ष में हो गए और कुशवाहा वोटर एनडीए से छिटककर महागठबंधन में चले गए। इसका असर आसपास की सीटों आरा, बक्सर, सासाराम में भी देखने को मिला।
वहीं, कुछ सवर्ण जातियों और पासवान वोटरों के भी एनडीए से नाराज होने के चलते भाजपा एवं जदयू को नुकसान हुआ। बक्सर सीट पर भितरघात भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
भाजपा के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने बिहार की सभी सीटों पर जीत का लक्ष्य बनाया था। हालांकि वह 30 सीटें ही जीत सकी। पिछले चुनाव में एनडीए ने बिहार की 40 सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एन
डीए को जिन सीटों पर नुकसान हुआ है उनमें अधिकतर सीट मगध और शाहाबाद इलाकों में है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि दरअसल इस समीक्षा बैठक के जरिये भाजपा उन कमियों को तलाशने में जुटी है, जो कई परम्परागत सीटों पर हार का कारण बनी। इन कमियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने बताया कि बैठक में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति पर चर्चा की गई।
–आईएएनएस
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