नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि ज्यादातर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडलों को खराब तरीके से डिजाइन किए गए डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे फाइनल प्रोडक्ट की गुणवत्ता काफी हद तक प्रभावित हो रही है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व मंत्री ने कहा कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) की “खराब सामग्री” अधिकांश मॉडलों से आती है, जिन्हें ऐसी सामग्री/डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है, जिनकी गुणवत्ता सही नहीं है।
चंद्रशेखर ने कहा, ”यही कारण है कि आप देखते हैं कि कई मौकों पर अरबों डॉलर की एआई जेमिनी, चैटजीपीटी कई दफा बेकार और बिना मतलब के रिजल्ट देते हैं।”
वह अमेरिका में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर एथन मॉलिक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। मॉलिक ने पोस्ट किया था कि ‘यह कोई नई बात नहीं है कि एलएलएम सच्चाई की परवाह किए बिना बेकार सामग्री तैयार करते हैं।’
प्रोफेसर ने कहा, ” मुझे नहीं लगता कि यह एक उपयोगी ढांचा है क्योंकि अंत में एलएलएम कई काम में इंसानों की तुलना में कहीं अधिक सटीक हो सकता है।”
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने इसके जवाब में कहा, ”आप कूड़ा करकट डालोगे तो कूड़ा करकट ही मिलेगा। प्रोग्रामिंग की दुनिया में यह एक पुरानी कहावत है, खासकर यदि आप इंटरनेट पर निर्भर हैं।”
एक एक्स उपयोगकर्ता ने पोस्ट किया, ”एआई मशीनों को जानकारी मुहैया कराने की आवश्यकता है, इंसान की तरह समझने के लिए बुद्धिमान होने की नहीं।”
उन्होंने कहा,, “आखिरकार, मानव मस्तिष्क अभी भी तय करता है कि मशीन को क्या कहना है।”
–आईएएनएस
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