नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। अग्निवीर का मुद्दा संसद के आगामी सत्र में उठाया जाएगा। इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।
सोमवार को कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार यह सार्वजनिक करे कि अग्निवीर योजना किसके कहने पर लाई गई। इस योजना का जिक्र न भाजपा के घोषणा पत्र में था और न ही सेना ने सरकार से यह योजना मांगी, ऐसे में यह योजना किसके परामर्श पर लागू की गई। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में सीडीएस एवं तीनों सेनाओं के अध्यक्षों को पीछे बिठाने का भी आरोप लगाया।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सेना के इन वरिष्ठतम अधिकारियों को पीछे की पंक्तियों में बिठाया गया जो कि न केवल सेना का बल्कि सबका अपमान है। कांग्रेस पार्टी ने अग्निवीर योजना की समीक्षा का भी जिक्र किया।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि फौज की रिपोर्ट यह बता रही है कि अग्निवीरों में जज्बे की कमी आई है। अग्निवीरों में से केवल 25 फ़ीसदी को ही फौज में पक्का करने के कारण आपस में प्रतिद्वंद्विता और प्रतिस्पर्धा का माहौल बन गया है। यह फौज की मजबूती और मनोबल के लिए अच्छा नहीं है। एक और बात जो निकलकर आई है, वह यह है कि अग्निवीरों को दी जाने वाली ट्रेनिंग पर्याप्त नहीं है। ट्रेनिंग की अवधि कम है, यही कारण है कि ट्रेनिंग की अवधि 24 हफ्ते से बढ़ाकर 37 से 42 हफ्ते तक करने की बात की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह जहां केवल पहले 25 प्रतिशत अग्निवीरों को पक्का करने की योजना थी, अब 60 से 70 प्रतिशत को पक्का करने की बातें सामने आ रही है। लेकिन, कांग्रेस इसे पूरी तरह से खारिज करती है। फौजी की भर्ती शत-प्रतिशत पक्की होनी चाहिए। एक ओर पूरी तरह से प्रशिक्षित चीन और पाकिस्तान के फौजी बॉर्डर पर खड़े हैं। दूसरी तरफ ऐसे अग्निवीर हैं, जिन्हें पूरी ट्रेनिंग तक आपने नहीं दी और उनके मुकाबले खड़ा कर दिया गया है। देश की फौज भी इस ट्रेनिंग से संतुष्ट नहीं है।
–आईएएनएस
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