अयोध्या, 16 फरवरी (आईएएनएस)। रामनगरी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दो शिलाएं अयोध्या पहुंची। इन शिलाओं को भी नेपाल के जनकपुर से आई शिलाओं के पास ही रामसेवक पुरम में रखा गया है। मैसूर से आईं शिलाओं का वैज्ञानिक वास्तु परीक्षण करेंगे। मूर्तिकला के विशेषज्ञ रामलला की मूर्ति के लिए सबसे बेहतर पत्थरों का चयन करेगी। रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दूसरी शिला के चयन के बाद प्रतिमा आकार लेगी। हालांकि इसके लिए अभी कई शिलाएं लाई जानी हैं। नीले आसमानी रंग का श्याम रंग लिए हुए शिला से राम मंदिर ट्रस्ट रामलला की मूर्ति बनवाना चाह रहा हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
–आईएएनएस
विकेटी/सीबीटी
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अयोध्या, 16 फरवरी (आईएएनएस)। रामनगरी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दो शिलाएं अयोध्या पहुंची। इन शिलाओं को भी नेपाल के जनकपुर से आई शिलाओं के पास ही रामसेवक पुरम में रखा गया है। मैसूर से आईं शिलाओं का वैज्ञानिक वास्तु परीक्षण करेंगे। मूर्तिकला के विशेषज्ञ रामलला की मूर्ति के लिए सबसे बेहतर पत्थरों का चयन करेगी। रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दूसरी शिला के चयन के बाद प्रतिमा आकार लेगी। हालांकि इसके लिए अभी कई शिलाएं लाई जानी हैं। नीले आसमानी रंग का श्याम रंग लिए हुए शिला से राम मंदिर ट्रस्ट रामलला की मूर्ति बनवाना चाह रहा हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
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अयोध्या, 16 फरवरी (आईएएनएस)। रामनगरी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दो शिलाएं अयोध्या पहुंची। इन शिलाओं को भी नेपाल के जनकपुर से आई शिलाओं के पास ही रामसेवक पुरम में रखा गया है। मैसूर से आईं शिलाओं का वैज्ञानिक वास्तु परीक्षण करेंगे। मूर्तिकला के विशेषज्ञ रामलला की मूर्ति के लिए सबसे बेहतर पत्थरों का चयन करेगी। रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दूसरी शिला के चयन के बाद प्रतिमा आकार लेगी। हालांकि इसके लिए अभी कई शिलाएं लाई जानी हैं। नीले आसमानी रंग का श्याम रंग लिए हुए शिला से राम मंदिर ट्रस्ट रामलला की मूर्ति बनवाना चाह रहा हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
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अयोध्या, 16 फरवरी (आईएएनएस)। रामनगरी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दो शिलाएं अयोध्या पहुंची। इन शिलाओं को भी नेपाल के जनकपुर से आई शिलाओं के पास ही रामसेवक पुरम में रखा गया है। मैसूर से आईं शिलाओं का वैज्ञानिक वास्तु परीक्षण करेंगे। मूर्तिकला के विशेषज्ञ रामलला की मूर्ति के लिए सबसे बेहतर पत्थरों का चयन करेगी। रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दूसरी शिला के चयन के बाद प्रतिमा आकार लेगी। हालांकि इसके लिए अभी कई शिलाएं लाई जानी हैं। नीले आसमानी रंग का श्याम रंग लिए हुए शिला से राम मंदिर ट्रस्ट रामलला की मूर्ति बनवाना चाह रहा हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
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ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
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ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
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ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।
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अयोध्या, 16 फरवरी (आईएएनएस)। रामनगरी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दो शिलाएं अयोध्या पहुंची। इन शिलाओं को भी नेपाल के जनकपुर से आई शिलाओं के पास ही रामसेवक पुरम में रखा गया है। मैसूर से आईं शिलाओं का वैज्ञानिक वास्तु परीक्षण करेंगे। मूर्तिकला के विशेषज्ञ रामलला की मूर्ति के लिए सबसे बेहतर पत्थरों का चयन करेगी। रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति के लिए कर्नाटक के मैसूर से दूसरी शिला के चयन के बाद प्रतिमा आकार लेगी। हालांकि इसके लिए अभी कई शिलाएं लाई जानी हैं। नीले आसमानी रंग का श्याम रंग लिए हुए शिला से राम मंदिर ट्रस्ट रामलला की मूर्ति बनवाना चाह रहा हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार शिलाओं के चयन के साथ रामलला की बाल सुलभ प्रतिमा के स्वरूप को लेकर भी काम चल रहा है। इसके लिए पहले रेखाचित्र और उसके बाद मिट्टी के मॉडल बनेंगे। इस बीच शिला का चयन होने के बाद उससे मूर्ति का निर्माण होगा। बीते दिनों नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से दो शिला अयोध्या लाई गई है। रामसेवकपुरम में रखी शिलाओं का दर्शन कर लोग खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं।
आपको बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बन रहे भव्य मंदिर मे अगले साल मकर संक्रांति या आसपास के किसी शुभ मुहूर्त पर गर्भगृह में विराजमान किए जाने की योजना है। इसके लिए एक जनवरी 24 से विशेष अनुष्ठान सम्भावित है। इस बीच राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के खंभों के बाद बीम के पत्थर लगाए जा रहे हैं।