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Home अंतरराष्ट्रीय

चीनी राष्ट्रपति ने पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की

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June 25, 2024
in अंतरराष्ट्रीय
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चीनी राष्ट्रपति ने पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की
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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

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शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 25 जून (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजकीय यात्रा पर आए पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वार्ता की। यह वार्ता चीन की राजधानी पेइचिंग में हुई।

राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

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(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

उन्होंने शीत युद्ध की मानसिकता और गुटीय टकरावों का विरोध करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के प्रयासों को समझने और उनका समर्थन करने का आह्वान किया। शी ने संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को कायम रखते हुए एक बहुध्रुवीय दुनिया और आर्थिक वैश्वीकरण की भी वकालत की।

राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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राष्ट्रपति शी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पोलैंड पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। इस वर्ष चीन और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। पिछले 75 वर्षों में, चीन-पोलैंड संबंधों में लगातार विकास हुआ है। विशेष रूप से पिछले आठ वर्षों में, जब से दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार और गहराई में काफी विस्तार हुआ है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ हुआ है।

शी ने दुनिया में अभूतपूर्व बदलावों का उल्लेख किया और पोलैंड के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक मित्रता बनाए रखने और अराजक वैश्विक परिदृश्य में स्थिरता और निश्चितता लाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

शी ने जोर देकर कहा कि चीन-पोलैंड संबंधों की मजबूती उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं से ज्ञान प्राप्त करने और स्वतंत्र रूप से मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में निहित है। दोनों देशों को आपसी सम्मान, समान व्यवहार और परस्पर लाभकारी सहयोग का पालन करना चाहिए।

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राष्ट्रपति डूडा ने शी के नेतृत्व में चीन के जन-केंद्रित विकास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने साल 2016 में राष्ट्रपति शी की पोलैंड की राजकीय यात्रा को पोलैंड-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में एक मील का पत्थर बताया।

डूडा ने बेल्ट एंड रोड के निर्माण और अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक संवाद और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए चीन के साथ काम करने की पोलैंड की इच्छा व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें शी ने शांति, वार्ता और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने की चीन की स्थिति को दोहराया।

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