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Home ताज़ा समाचार

उत्तर प्रदेश : विधानसभा उपचुनाव में होगी ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए की अग्निपरीक्षा

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June 26, 2024
in ताज़ा समाचार
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उत्तर प्रदेश : विधानसभा उपचुनाव में होगी ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए की अग्निपरीक्षा
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लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा उपचुनाव ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा की तरह होगा। चुनाव आयोग ने अब तक उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

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चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

–आईएएनएस

विकेटी/एकेजे

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लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा उपचुनाव ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा की तरह होगा। चुनाव आयोग ने अब तक उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

–आईएएनएस

विकेटी/एकेजे

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लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा उपचुनाव ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा की तरह होगा। चुनाव आयोग ने अब तक उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

–आईएएनएस

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

–आईएएनएस

विकेटी/एकेजे

लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा उपचुनाव ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा की तरह होगा। चुनाव आयोग ने अब तक उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा उपचुनाव ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा की तरह होगा। चुनाव आयोग ने अब तक उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा उपचुनाव ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए किसी अग्निपरीक्षा की तरह होगा। चुनाव आयोग ने अब तक उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है। वह जो कहती है, वही करती है। इससे अच्छा गठबंधन धर्म कोई नहीं निभा सकता।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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लोकसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की नौ सीटें रिक्त हो गई हैं। एक सीट सपा विधायक को सजा होने से भी खाली हुई है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर शामिल हैं।

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से पांच सीटें समाजवादी पार्टी ने और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। उस समय रालोद का गठबंधन सपा के साथ था। इसके अलावा, तीन सीटें भाजपा को मिली थीं। एक सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के खाते में गई थी।

सियासी जानकार कहते हैं कि इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा।

भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना है कि पार्टी ने उपचुनाव की पूरी तैयारी पहले से ही कर रखी है। जो कोर-कसर होगी उसे भी पूरा कर लेंगे। उनका दावा है कि जनता भाजपा के साथ है। गठबंधन के सभी साथी पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुटे हैं। इस चुनाव में एनडीए पूरी तरह से विजय हासिल करेगा। सहयोगियों को सीट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा।

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रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी की पूरी तैयारी है। जो पार्टी की पुरानी सीट है उस पर चुनाव लड़ेंगे। शेष पर राष्ट्रीय नेतृत्व आपस में बात करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। रही बात चुनाव की, तो सीट बंटवारे पर निर्णय उच्च स्तर पर होगा। सीटों का निर्णय भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे। सपा निश्चित तौर पर उपचुनाव की तैयारी तेज किए हुए है। हमारे गठबंधन को हर सीट पर सफलता मिलेगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि उपचुनाव में कांग्रेस और सपा साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। सीटों को लेकर शीर्ष स्तर पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बातचीत चल रही है। लोकसभा की तरह उपचुनाव में ‘इंडिया’ ब्लॉक भाजपा को हराने जा रहा है।

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अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची सुनीता केजरीवाल

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