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Home ताज़ा समाचार

दिल्ली के एलजी ने यमुना के डूब वाले क्षेत्र में सफाई अभियान शुरू किया

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February 16, 2023
in ताज़ा समाचार
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दिल्ली के एलजी ने यमुना के डूब वाले क्षेत्र में सफाई अभियान शुरू किया
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अनिवार्य रूप से यमुना नदी को साफ और कायाकल्प करने के लिए यमुना के डूब वाले क्षेत्र में कुदसिया रेगुलेटर के पास सफाई अभियान शुरू किया।

उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

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स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

एजेंसियां नदी से कचरा इकट्ठा करने और हटाने के लिए कुदसिया रेगुलेटर फ्लडप्लेन में फ्लोटिंग बूम और सिस्टम भी लगाएंगी।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अनिवार्य रूप से यमुना नदी को साफ और कायाकल्प करने के लिए यमुना के डूब वाले क्षेत्र में कुदसिया रेगुलेटर के पास सफाई अभियान शुरू किया।

उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

एजेंसियां नदी से कचरा इकट्ठा करने और हटाने के लिए कुदसिया रेगुलेटर फ्लडप्लेन में फ्लोटिंग बूम और सिस्टम भी लगाएंगी।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अनिवार्य रूप से यमुना नदी को साफ और कायाकल्प करने के लिए यमुना के डूब वाले क्षेत्र में कुदसिया रेगुलेटर के पास सफाई अभियान शुरू किया।

उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

एजेंसियां नदी से कचरा इकट्ठा करने और हटाने के लिए कुदसिया रेगुलेटर फ्लडप्लेन में फ्लोटिंग बूम और सिस्टम भी लगाएंगी।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अनिवार्य रूप से यमुना नदी को साफ और कायाकल्प करने के लिए यमुना के डूब वाले क्षेत्र में कुदसिया रेगुलेटर के पास सफाई अभियान शुरू किया।

उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

एजेंसियां नदी से कचरा इकट्ठा करने और हटाने के लिए कुदसिया रेगुलेटर फ्लडप्लेन में फ्लोटिंग बूम और सिस्टम भी लगाएंगी।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

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उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

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उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

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–आईएएनएस

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उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

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उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अनिवार्य रूप से यमुना नदी को साफ और कायाकल्प करने के लिए यमुना के डूब वाले क्षेत्र में कुदसिया रेगुलेटर के पास सफाई अभियान शुरू किया।

उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

एजेंसियां नदी से कचरा इकट्ठा करने और हटाने के लिए कुदसिया रेगुलेटर फ्लडप्लेन में फ्लोटिंग बूम और सिस्टम भी लगाएंगी।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अनिवार्य रूप से यमुना नदी को साफ और कायाकल्प करने के लिए यमुना के डूब वाले क्षेत्र में कुदसिया रेगुलेटर के पास सफाई अभियान शुरू किया।

उपराज्यपाल ने दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में प्रादेशिक सेना की एक कंपनी को भी शामिल किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि यमुना बाढ़ के मैदानों को साफ किया गया है, फिर से अतिक्रमण नहीं किया जाता है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) द्वारा प्रदान की गई प्रादेशिक सेना शुक्रवार से अभियान संभाल लेगी।

इस अभियान के पहले चरण में कुदसिया रेगुलेटर से आईटीओ तक यमुना के विस्तार की सफाई की जाएगी और बाद में ओखला बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र की सफाई की जाएगी।

ड्राइव के हिस्से के रूप में, कचरे के ढेर और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।

अभियान में शामिल एजेंसियां ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक भी पेश करेंगी, जिसके तहत कम दूरी पर यमुना में गिरने वाले नालों के किनारे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जाएंगे।

ये पत्थर के टुकड़े कचरे के बड़े कणों को नदी में गिरने से रोकेंगे और पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे, जो बदले में उस विशेष बिंदु पर पानी के बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) स्तर को कम कर देगा।

बताया गया है कि ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल पहले आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा।

एजेंसियां नदी से कचरा इकट्ठा करने और हटाने के लिए कुदसिया रेगुलेटर फ्लडप्लेन में फ्लोटिंग बूम और सिस्टम भी लगाएंगी।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर सरकारी एजेंसियों और लोगों सहित सभी हितधारकों से स्वच्छ यमुना के सपने को साकार करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की, जो एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सीधी निगरानी के बावजूद पिछले लगभग 3 दशकों से दयनीय स्थिति में है।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के सहयोग से अगले छह महीनों में यमुना की स्थिति में आमूल परिवर्तन दिखाई देगा।

एलजी सक्सेना ने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की पहली बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद यमुना में गिरने वाले नालों को रोकने, ट्रंक और परिधीय सीवर लाइनों की सफाई और मौजूदा सीवेज उपचार संयंत्रों के उन्नयन के लिए बड़े पैमाने पर अभियान पहले से ही चल रहा था।

एलजी ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नजफगढ़ नाले का 17 किलोमीटर का हिस्सा, जो यमुना नदी का सबसे बड़ा प्रदूषक है, पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और इसमें गिरने वाले 13 नाले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप केवल 5 महीनों में बीओडी के स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।

सफाई अभियान के दौरान सक्सेना के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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