नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 136 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान तिमाही में 52,670 करोड़ रुपये पर थी।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
–आईएएनएस
एबीएस/एबीएम
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नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 136 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान तिमाही में 52,670 करोड़ रुपये पर थी।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 136 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान तिमाही में 52,670 करोड़ रुपये पर थी।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
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जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 136 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान तिमाही में 52,670 करोड़ रुपये पर थी।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
–आईएएनएस
एबीएस/एबीएम
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नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 136 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान तिमाही में 52,670 करोड़ रुपये पर थी।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 136 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष समान तिमाही में 52,670 करोड़ रुपये पर थी।
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में सर्विसेज सेगमेंट में जीएमवी 80,500 करोड़ रुपये रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले इसमें 330 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सरकारी कंपनियों सहित केंद्रीय मंत्रालयों जिसमें कोयला, डिफेंस, पेट्रोलियम और गैस शामिल हैं। उनकी ओर से पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की गई है। इसमें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की थी।
जीईएम के सीईओ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकारी की एजेंसियों की ओर से 42,500 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इस वित्त वर्ष में खरीद में बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्रीय एजेंसियां लगातार खरीद प्रक्रिया में सुधार कर रही हैं और रिसोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा देश के विकास के लिए किया जा रहा है।
जीईएम के आने से पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिली है। छोटे आकार के विक्रेता आने के कारण मार्केटप्लेस की दक्षता में सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के चार्ज में 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की कटौती करने के कारण विक्रेताओं को और अधिक फायदा मिला है और वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सामान बेच पा रहे हैं।
जीईएम ने अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ आउटलेट स्टोर में ‘द आभार कलेक्शन’ नामक एक पहल भी शुरू की है। ‘आभार संग्रह’ में 120 से अधिक उत्कृष्ट और हस्तनिर्मित उपहार आइटम और हैंपर्स प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) और ज्योग्राफिक इंडिकेशन (जीआई) श्रेणियों के चुनिंदा उत्पाद शामिल हैं, जिसकी कीमत 500 रुपये से 25,000 रुपये तक हैं, जिनका उपयोग सरकारी खरीदारों द्वारा उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में किया जा सकता है।