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Home राजनीति

जोशीमठ में एनडीएमए की रिपोर्ट के बाद ही बंटेगा प्रभावितों को मुआवजा

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February 17, 2023
in राजनीति
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जोशीमठ में एनडीएमए की रिपोर्ट के बाद ही बंटेगा प्रभावितों को मुआवजा
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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

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मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

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आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

–आईएएनएस

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देहरादून, 17 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ में मुआवजे की दरों का फामूर्ला निर्धारित कर दिया है। आपदा प्रभावितों को दुकानों और आवासीय भवनों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को भवनों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट आने के बाद दिया जाएगा।

मुआवजे के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्र से पैकेज का इंतजार किए बिना राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

सरकार ने आवासीय भवनों के मुआवजे के लिए फामूर्ला तैयार किया है। इसके तहत बिना कॉलम बने घर के लिए 31081 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा राशि तय की जाएगी। जबकि आरसीसी कॉलम में बने घर के लिए 36386 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यवसायिक के लिए 39030 रुपये प्रति वर्ग मीटर और आरसीसी से बने व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए 45921 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा तय किया गया है।

सरकार ने व्यावसायिक भवनों के लिए पांच श्रेणियां बनाई हैं। पांच लाख तक की वास्तविक क्षति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। पांच से 15 लाख तक के लिए, 5 लाख तक शत प्रतिशत उससे अधिक पर 40 प्रतिशत, 15 से 30 लाख तक प्रथम 15 लाख पर 9 लाख रुपये और उससे ऊपर 30 प्रतिशत, 30 से 50 लाख तक प्रथम 30 लाख पर 13.50 लाख और इससे ऊपर 20 प्रतिशत एवं 50 लाख से ऊपर 17.5 लाख व इससे ऊपर 10 प्रतिशत के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

इसके अलावा जोशीमठ में वैध और अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फामूर्ले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।

साथ ही यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।

जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइडलाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत सिन्हा ने कहा कि चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि, ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा। आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।

जोशीमठ में किराए की दुकान लेकर व्यवसाय करने वाले को एकमुश्त दो लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। जबकि दूसरी जगह दुकान आवंटन में संबंधित को प्राथमिकता दी जाएगी।

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