नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। हरियाणा के हिसार के पास डबरा गांव के रहने वाले भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर संजय 26 जुलाई से पेरिस में शुरू हो रहे ओलंपिक में डेब्यू करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय हॉकी में सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक के रूप में उभरे संजय का एक छोटे से गांव से ओलंपिक के भव्य मंच तक का सफर उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।
संजय ने हॉकी इंडिया के हवाले से कहा, “पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय टीम का हिस्सा बनकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह, ओलंपिक में खेलना मेरा सपना था, इसलिए मुझे खुशी है कि मेरी कड़ी मेहनत रंग लाई।”
“मैं पेरिस ओलंपिक के लिए टीम में जगह बनाने में सफल रहा। यह अवसर मुझे और भी अधिक मेहनत करने और हमारी टीम की सफलता में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। मैं सबसे बड़े खेल मंच पर अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए उत्सुक हूं।”
उन्होंने कहा, “जब मैंने पेरिस ओलंपिक के लिए अपने चयन की बात अपने परिवार को बताई, तो सभी बहुत खुश हुए। उनका आशीर्वाद और प्रोत्साहन मेरे लिए इस आयोजन में अपना सर्वश्रेष्ठ देने और उन्हें गौरवान्वित करने के लिए प्रेरणा का एक जबरदस्त स्रोत रहा है।”
संजय ने पहली बार 2021 जूनियर विश्व कप के दौरान सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जहां वह दो हैट्रिक सहित आठ गोल के साथ भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे।
उनके शानदार प्रदर्शन ने न केवल उन्हें टूर्नामेंट में तीसरा सबसे ज्यादा गोल करने वाला खिलाड़ी बनाया, बल्कि भारतीय हॉकी में भविष्य के सितारे के रूप में उनकी क्षमता भी साबित की।
संजय ने जून 2022 में सीनियर टीम के साथ अपने सफर की शुरुआत की और भारत को उद्घाटन एफआईएच हॉकी 5एस जीतने में भूमिका निभाई।
ड्रैग-फ्लिकर के रूप में उनके कौशल ने महत्वपूर्ण जीत हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संजय ने हांगझोऊ, चीन में 19वें एशियाई खेल 2022 और एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी चेन्नई 2023 जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों में भी भाग लिया है, जहां टीम ने स्वर्ण पदक जीते।
एफआईएच जूनियर विश्व कप भुवनेश्वर 2021 में उनके प्रदर्शन ने भारत को चौथा स्थान दिलाया और उन्होंने 2018 में तीसरे युवा ओलंपिक खेलों में रजत पदक भी हासिल किया।
संजय को 2021 में अंडर-21 में वर्ष के उभरते खिलाड़ी (पुरुष) के लिए हॉकी इंडिया जुगराज सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अब संजय का पूरा ध्यान पेरिस ओलंपिक पर है और उनका लक्ष्य एक बार में एक मैच पर ध्यान केंद्रित करना है।
उन्होंने कहा, “मैं एक बार में एक मैच पर ध्यान केंद्रित करके और प्रत्येक मैच में अपना 100 प्रतिशत देकर ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित करूंगा। मेरा लक्ष्य पूरी तरह प्रतिबद्ध रहना है और यह सुनिश्चित करना है कि मैं मैदान पर हर अवसर के साथ अपनी टीम की सफलता में योगदान दूं। यह वह क्षण है जिसके लिए मैंने बहुत मेहनत की है और मैं इसका अधिकतम लाभ उठाने का इरादा रखता हूं।”
एक खिलाड़ी के रूप में अपने अंतिम सपने का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा, “जब से मैंने हॉकी स्टिक उठाई है, तब से मैंने ओलंपिक और विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखा है।”
–आईएएनएस
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