बेंगलुरु, 23 जुलाई (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने आदिवासी कल्याण विकास बोर्ड के पूर्व प्रबंध निदेशक बी. कल्लेश को घोटाले में उनका नाम लेने के लिए धमकाया।
सीएम सिद्दारमैया ने कहा, “ईडी ने अधिकारी बी. कल्लेश पर गिरफ्तारी, मानसिक दबाव बनाया और मुझे मामले में कानूनी रूप से फंसाने के लिए जान से मारने तक की धमकी दी। कल्लेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने अपनी आपबीती बताई।” सीएम ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन करते हुए ईडी की कथित मनमानी की निंदा की।
सीएम ने कहा कि मृतक चंद्रशेखरन की पत्नी कविता की ओर से लगाए गए आरोपों और पद्मनाभ की शिकायत की जांच सही ढंग से आगे बढ़ रही है। बैंक की ओर दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, बैंक के महाप्रबंधक, उप प्रबंधक और ऋण अधिकारी इस कदाचार के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि उन्होंने क्या किया है। ईडी ने खुद ही जांच शुरू की और पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र और आदिवासी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल के घरों पर छापेमारी की।”
सीएम ने कहा कि नागेंद्र न्यायिक हिरासत में हैं। कल्लेश के बोलने के बावजूद ईडी उन पर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के नाम देने का दबाव बना रही है। कुल 187.33 करोड़ रुपये में से 43.33 करोड़ रुपये राजकोष से लिए गए हैं। न तो मैं और न ही वित्त विभाग इससे संबंधित है।
सीएम ने आगे कहा, “हमने यह नहीं कहा है कि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति कल्याण विकास निगम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। विपक्ष ने बार-बार हम पर 187.33 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। इसमें से 89.63 करोड़ रुपये यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (एमजी रोड शाखा) से तेलंगाना में ट्रांसफर किए गए।”
उन्होंने कहा कि एसआईटी के गठन के बाद जांच तेजी से आगे बढ़ी है। अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 34 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं। 89.63 करोड़ रुपये में से 46 करोड़ रुपये फर्स्ट फाइनेंस को-ऑपरेटिव बैंक और रत्नाकर बैंक लिमिटेड में जमा हैं।”
उन्होंने कहा कि कुल 85.25 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। कदाचार में शामिल कुल राशि 85.63 करोड़ रुपये है। एसआईटी ने 95 प्रतिशत जांच पूरी कर ली है।
उन्होंने कहा कि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति कल्याण विकास निगम में अनियमितताओं की जांच तीन जांच एजेंसियां कर रही हैं। 31 मई 2024 को एसआईटी का गठन किया गया था और बैंक की ओर से 3 जून 2024 को सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई गई थी। उन्होंने कहा कि इस शिकायत में सुचिस्मिता रावल, दीपा और कृष्णमूर्ति शामिल हैं।
–आईएएनएस
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