नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। चार वर्ष पूर्व देशभर के छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 जारी की गई थी। सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चौथी वर्षगांठ है। शिक्षा नीति के चार वर्ष पूरे होने पर शिक्षा मंत्री द्वारा कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी।
इनमें विभिन्न भारतीय भाषाओं को सीखने में सुविधा प्रदान करने के लिए समर्पित टीवी चैनल, एक तमिल चैनल, प्राइमरी स्कूलों में अध्ययन को मजेदार बनाने के उद्देश्य से 10 दिन बिना बैग संबंधी दिशा-निर्देश, स्कूलों में तनाव रहित अनुभव, करियर मार्गदर्शन दिशा-निर्देश, 500 से अधिक जॉब कार्डों की एक विशाल लाइब्रेरी, ब्रेल और ऑडियो पुस्तकों में एनएमएम और एनपीएसटी, एआईसीटीई और एआईएम द्वारा स्कूल इनोवेशन मैराथन और स्नातक विशेषताएं एवं व्यावसायिक दक्षता शामिल हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2024 के साथ शिक्षा नीति की यह चौथी वर्षगांठ मनाएगा। सोमवार को दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर ऑडिटोरियम में इसका आयोजन किया जा रहा। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उपस्थित रहेंगे और एनईपी 2020 लागू होने के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे। इसमें अनेक प्रतिष्ठित शिक्षाविद, विश्वविद्यालयों के कुलपति, अधिकारी, छात्र आदि शामिल होंगे।
धर्मेंद्र प्रधान छात्रों और शिक्षकों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पुस्तकों और व्याख्यान नोट्स का भी अनावरण करेंगे। मंत्रालय की विभिन्न पहलों पर चर्चा करने के लिए छह पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। इनमें प्रख्यात शिक्षाविद और हितधारक भाग लेंगे। जुलाई 2022 में वाराणसी में आयोजित एबीएसएस के पहले कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसका उद्देश्य एनईपी 2020 को प्रभावी, सुचारु और समय पर लागू करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करना, विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करना और उच्च शिक्षा संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करना तथा उनके समाधान प्रस्तुत करना था।
शिक्षा मंत्रालय एक सप्ताह तक चलने वाले अभियान, “शिक्षा शपथ” के साथ भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चौथी वर्षगांठ मना रहा है। इस अभियान के सातवें दिन, देश भर के स्कूल विद्यांजलि और तिथि भोजन पहल के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सामुदायिक भागीदारी पर जोर दे रहे हैं। विद्यांजलि, का शुभारंभ 7 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों को मजबूत करना और समुदाय, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और देशभर में निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
इस अभियान के हिस्से के रूप में, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूलों के लिए सुझाई गई गतिविधियों की एक सूची प्रदान की है। स्कूल स्वयं को विद्यांजलि पोर्टल पर शामिल करने और सहायता प्रदान करने हेतु स्थानीय स्वयंसेवकों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे स्कूलों में “वॉल ऑफ फेम/नोटिस बोर्ड” पर सक्रिय स्वयंसेवकों के नाम भी प्रदर्शित करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रधानाध्यापक, शिक्षक और विद्यार्थी इन स्वयंसेवकों को आभार पत्र लिखेंगे। रैलियां, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-बनाने और स्वयंसेवी गतिविधियों के बारे में चार्ट-बनाने जैसी सामुदायिक जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम