नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त तुर्की की राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए गई एनडीआरएफ की टीम आज स्वदेश लौटी। टीम के 47 सदस्य और दो खोजी कुत्ते भारत लौट आए हैं। वहीं तुर्की ने दोनों खोजी डॉग रोमियो और जूली को विशेष धन्यवाद दिया है। बता दें कि तुर्की में मलवे में दबी 6 साल की एक बच्ची को जिंदा बचाने में इन दोनों भारतीय स्निफर डॉग्स की अहम भूमिका थी।
तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
–आईएएनएस
एसपीटी/एएनएम
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त तुर्की की राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए गई एनडीआरएफ की टीम आज स्वदेश लौटी। टीम के 47 सदस्य और दो खोजी कुत्ते भारत लौट आए हैं। वहीं तुर्की ने दोनों खोजी डॉग रोमियो और जूली को विशेष धन्यवाद दिया है। बता दें कि तुर्की में मलवे में दबी 6 साल की एक बच्ची को जिंदा बचाने में इन दोनों भारतीय स्निफर डॉग्स की अहम भूमिका थी।
तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त तुर्की की राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए गई एनडीआरएफ की टीम आज स्वदेश लौटी। टीम के 47 सदस्य और दो खोजी कुत्ते भारत लौट आए हैं। वहीं तुर्की ने दोनों खोजी डॉग रोमियो और जूली को विशेष धन्यवाद दिया है। बता दें कि तुर्की में मलवे में दबी 6 साल की एक बच्ची को जिंदा बचाने में इन दोनों भारतीय स्निफर डॉग्स की अहम भूमिका थी।
तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
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तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
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तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
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तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
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तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
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तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
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तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
–आईएएनएस
एसपीटी/एएनएम
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त तुर्की की राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए गई एनडीआरएफ की टीम आज स्वदेश लौटी। टीम के 47 सदस्य और दो खोजी कुत्ते भारत लौट आए हैं। वहीं तुर्की ने दोनों खोजी डॉग रोमियो और जूली को विशेष धन्यवाद दिया है। बता दें कि तुर्की में मलवे में दबी 6 साल की एक बच्ची को जिंदा बचाने में इन दोनों भारतीय स्निफर डॉग्स की अहम भूमिका थी।
तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त तुर्की की राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए गई एनडीआरएफ की टीम आज स्वदेश लौटी। टीम के 47 सदस्य और दो खोजी कुत्ते भारत लौट आए हैं। वहीं तुर्की ने दोनों खोजी डॉग रोमियो और जूली को विशेष धन्यवाद दिया है। बता दें कि तुर्की में मलवे में दबी 6 साल की एक बच्ची को जिंदा बचाने में इन दोनों भारतीय स्निफर डॉग्स की अहम भूमिका थी।
तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त तुर्की की राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए गई एनडीआरएफ की टीम आज स्वदेश लौटी। टीम के 47 सदस्य और दो खोजी कुत्ते भारत लौट आए हैं। वहीं तुर्की ने दोनों खोजी डॉग रोमियो और जूली को विशेष धन्यवाद दिया है। बता दें कि तुर्की में मलवे में दबी 6 साल की एक बच्ची को जिंदा बचाने में इन दोनों भारतीय स्निफर डॉग्स की अहम भूमिका थी।
तुर्की में भूकंप के बाद पहुंची एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों ने अपने साहसी कार्यों से कई जाने बचाईं। करीब 10 दिनों तक सफल तरीके से ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। दिल्ली में मौजूद तुर्की के दूतावास ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन में उनके अथक प्रयासों के लिए हम एनडीआरएफ टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं!
तुर्की के दूतावास ने आगे कहा कि हम जूली और रोमियो यानी चार-पैर वाले दस्ते के सदस्यों को 6 साल की बच्ची बेरेन और अन्य को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
दरअसल एनडीआरएफ छह साल की एक बच्ची को 6 फरवरी को आए भूकंप के तीन दिन बाद मलबे से जिंदा बाहर निकालने में कामयाब हुआ था। इसका क्रेडिट एनडीआरएफ के दो स्निफर डॉग्स रोमियो और जूली को जाता है। इन्हीं दोनों डॉग्स ने यह पता लगाया था कि छह साल की बच्ची मलबे में कहां दबी है।
गौरतलब है कि इसी महीने 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। जानकारी के अनुसार इस भूकंप से अबतक 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए तुर्की और सीरिया को मदद का भरोषा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी।