नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 में निर्माणाधीन नाले में गिरने के बाद हुई मां-बेटे की मौत पर आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी (आप) विधायक कुलदीप कुमार और रोहित मेहरोलिया के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग भी की।
आम आदमी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं के हाथ में ‘एलजी इस्तीफा दो’, ‘दोषी अफसरों पर कार्रवाई करो’ लिखी तख्तियां थी। विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि डीडीए की लापरवाही से महिला और उसके ढाई साल के बच्चे की जान गई है। यह हादसा नहीं, हत्या है, इसके बाद भी एलजी ने अभी तक दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। हमारी मांग है कि हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और एलजी अपने पद से इस्तीफा दें।
उन्होंने कहा कि मयूर विहार फेज-3 में केरल स्कूल की रोड पर डीडीए का गहरा नाला है। कई बार कहने के बाद डीडीए ने नाले का पुनर्निर्माण शुरू किया था। लेकिन, डीडीए के अधिकारियों ने इसमें जरा भी सावधानी नहीं बरती। नाला ढका नहीं गया था और ना ही इसकी बैरिकेडिंग की गई थी। जलभराव होने पर नाला नजर नहीं दिख रहा था और बच्चा उसमें जा गिरा। इसके बाद बच्चे को बचाने गई मां भी उसी नाले में गिर गई और दोनों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि डीडीए की लापरवाही के कारण एक मां और बेटे की जान चली गई। डीडीए एलजी के अधीन है। वो दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार के काम में अड़चन डालते हैं, लेकिन डीडीए के कार्यों की निगरानी नहीं करते। एलजी ने दिल्ली की जनता को परेशान किया है और उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। वे केवल भाजपा के राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रहे हैं। हमारी मांग है कि एलजी तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें और डीडीए के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करवाएं।
त्रिलोकपुरी से आम आदमी पार्टी विधायक रोहित मेहरोलिया ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर स्थित यह नाला डीडीए के अंतर्गत आता है। हम बुधवार रात को हुए हादसे में जान गंवाने वाले मां-बेटे के परिवार को न्याय दिलाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हमारी मांग है कि परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। डीडीए एलजी के अधीन आता है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एलजी को कड़े कदम उठाने होंगे। अगर उन्होंने राजेंद्र नगर की घटना के बाद सख्त कार्रवाई की होती और एमसीडी कमिश्नर समेत सभी दोषी अधिकारियों को निलंबित किया होता, तो आज यह घटना नहीं होती।
–आईएएनएस
पीकेटी/पीएसके