नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। एनआईए की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को आईएसआईएस जयपुर मामले में आईएसआईएस विचारधारा को बढ़ावा देने से संबंधित एक आतंकवादी को दोषी ठहराया।
अदालत ने कर्नाटक के गुलबर्गा के निवासी मोहम्मद सिराजुद्दीन उर्फ सिराज को आईपीसी की धारा 120-बी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13, 38 और 39 के तहत दोषी ठहराया।
यह मामला आईएसआईएस की विचारधारा को बढ़ावा देने से संबंधित है, जो आतंकवादी संगठन है, और फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दूसरों को आईएसआईएस का सदस्य बनने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाता है।
एनआईए ने कहा- आरोपी मोहम्मद सिराजुद्दीन मुस्लिम युवकों में नफरत फैला रहा था और अपने हिंसक मंसूबों को अंजाम देने के लिए उन्हें भारत के खिलाफ भड़का रहा था। उसने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इस्लामिक स्टेट के दर्शन की वकालत करने और उसका प्रसार करने के लिए सक्रिय रूप से ऑनलाइन चैट और संदेशों का इस्तेमाल किया। हिंसा और आतंकवाद के कृत्यों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए सक्रिय आईएसआईएस गुर्गों के बीच ऑनलाइन चर्चा और बैठकों के आयोजन में भी व्यवस्था की और सहायता की।
अदालत 20 फरवरी को सजा सुनाएगी।
–आईएएनएस
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