नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
–आईएएनएस
एफएम/एसकेपी
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
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इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
–आईएएनएस
एफएम/एसकेपी
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश के कारण जानमाल का नुकसान हुआ है। बीते दिनों बादल फटने से आई तबाही के कारण 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। जबकि कई लोग लापता हैं।
इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश की मदद करने की अपील की है।
राजीव शुक्ला ने कहा, “हिमाचल में तबाही का दौर फिर से आ रहा है। लगातार बादल फटने से बहुत से लोग लापता हो गए हैं और कई घर भी ध्वस्त हो गए हैं। इस आपदा में कई गांव भी तबाह हो गए। पिछले साल भी हमने आपदा देखी थी। इसके बाद सरकार ने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। लेकिन, उस दौरान केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “इस बार फिर से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मदद की मांग की है। मैं गुजारिश करता हूं कि केंद्र सरकार ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश की मदद करे, नहीं तो हिमाचल को बहुत सारी दिक्कतें उठानी पड़ेगी।”
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते शनिवार को बताया था कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आधिकारिक पुष्टि और खोज एवं बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है। इस समय सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में संपर्क बहाल करना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि शिमला के समेज में 2 अगस्त को बादल फटने से छह छात्र बह गये। स्कूल का भवन भी पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था। शिमला के ही रामपुर में 1 अगस्त की सुबह बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हो गये थे। उसी दिन कुल्लू में बादल फटने के बाद सात लोग लापता हो गये थे। घरों को भी नुकसान पहुंचा था।
मंडी के राजवन गांव में 31 जुलाई की रात बादल फटने से एक की मौत हो गई थी जबकि कई लापता हो गये थे।