नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।
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नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं, आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जीत बताया और कहा कि करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद आखिरकार अब मेयर का चुनाव होगा।
आप ने भाजपा और दिल्ली एल-जी पर अवैध रूप से नगरपालिका को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया, यहां तक कि आप ने एलजी वीके सक्सेना से अपने पद से हटने की भी मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आप एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा, दिल्ली एलजी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है..उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी और एलजी के मुंह पर करारा तमाचा है।
उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी और दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है, जो एमसीडी को भाजपा की बेड़ियों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली को ढाई महीने बाद आखिरकार अपना मेयर और डिप्टी मेयर मिल ही जाएगा। पिछले ढाई महीने से भाजपा और उपराज्यपाल अपनी मनमर्जी से अलोकतांत्रिक फैसले लेकर नगर पालिका को अवैध तरीके से नियंत्रित कर रहे हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में आप के भरोसे को दोहराते हुए पाठक ने कहा, यह फैसला आने वाले दिनों में याद रखा जाएगा। इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास बढ़ेगा। यह फैसला भाजपा के लिए एक रियलिटी चेक के रूप में भी खड़ा होगा, जिसे कोर्ट ने बोल्ड शब्दों में कहा है कि उसे अब विपक्ष में बैठना ही होगा।
इससे पहले शुक्रवार को ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 घंटे में एमसीडी की पहली बैठक बुलाने और मेयर, डिप्टी मेयर और एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए एक नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया।
बेंच, जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं, ने अअढ की दलील को स्वीकार कर लिया कि मेयर के चुने जाने के बाद, वह डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनावों की अध्यक्षता करेगा।