पेरिस ओलंपिक, 6 अगस्त (आईएएनएस)। कोहनी चोटिल होने के कारण निशा दहिया महिलाओं की फ्रीस्टाइल 68 किलोग्राम फ्रीस्टाइल रेसलिंग क्वार्टर फाइनल हार गईं। उन्हें उत्तर कोरिया की सोल गुम ने 10-8 के अंतर से हराया है। पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने की भारत की सबसे बड़ी दावेदार निशा दहिया चोटिल होने के बावजूद अंत तक लड़ती रहीं।
अब निशा की चोट पर सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। अब सवाल ये है कि क्या निशा दहिया कोरियाई साजिश का शिकार बनीं? मैच के अधिकतर समय आगे चल रही निशा चोट के कारण पिछड़ गई और अंत में उन्हें मुकाबला हारना पड़ा।
निशा ने पहले राउंड में 4-0 के स्कोर के साथ बढ़त बनाई और इस बढ़त को 8-1 तक बढ़ाया। यहां से उनकी जीत बेहद करीब थी। लेकिन मैच के अंतिम पलों में बाजी पलट गई और निशा चोटिल होने के कारण बहुत दर्द में थी। मैट पर उन्हें मेडिकल सपोर्ट भी मिला और मैच बीच में कई बार रूका भी। हालांकि, निशा टूटे हुए हाथ के बावजूद लड़ती रहीं।
क्वार्टर फाइनल में निशा 5 मिनट तक 8-1 की बढ़त बनाए हुए थे। तभी उनकी कोहनी में तेज दर्द उठा, वह दर्द से कराहने लगीं। डॉक्टर्स आए, लड़ना लगभग नामुमकिन ही था, लेकिन निशा खड़ी रहीं।
डॉक्टर ने निशा की उंगली पर टेप लगा दिया और मुकाबला फिर से शुरू होने के कुछ सेकंड बाद ही उत्तर कोरियाई पहलवान ने अपनी चोटिल प्रतिद्वंद्वी का फायदा उठाते हुए स्कोर 8-8 से बराबर कर दिया। अंतिम हूटर बजने से पहले बचे हुए आखिरी 12 सेकंड में उत्तर कोरियाई पहलवान ने दो अंक लेकर मैच 10-8 से अपने नाम कर लिया। निशा ने अंत तक फाइट की, लेकिन विरोधी ने उनकी चोट का फायदा उठाया और आखिरी 12 सेकेंड में बढ़त बनाकर मैच अपने नाम किया।
कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि ये शत प्रतिशत जानबूझकर किया गया था। कोरियाई पहलवान ने जानबूझकर निशा को चोट पहुंचाई। हालांकि, इसको लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।निशा दहिया को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में गंभीर चोट का शिकार बनना पड़ा। वो टूटे हुए हाथ के बावजूद लड़ती रहीं। बेशक इस मुकाबले में वो हार गईं लेकिन उनकी हार के बावजूद वहां मौजूद हर दर्शक, विपक्षी प्लेयर और तमाम रेसलिंग फैन उनके लिए ताली बजाने पर मजबूर हो गए।
भारतीय पहलवान ने इससे पहले राउंड में यूक्रेन की तेतियाना सोवा को 6-4 के अंतर से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश पाया था। इस हार के बाद निशा दहिया की आंखों में आंसू थे, क्योंकि वह एक शानदार खिलाड़ी हैं और अगर वो चोटिल नहीं होती तो उनकी जीत पक्की थी।
–आईएएनएस
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