हाजीपुर, 6 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के सारण जिला के बेला स्थित रेल व्हील प्लांट अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहा है। 10 वर्षों में यह प्लांट दो लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन कर चुका है। बताया जाता है कि वर्ष 2013-14 में इस प्लांट द्वारा 201 पहियाें का निर्माण किया गया था। लेकिन, इसके बाद पहियों के निर्माण में काफी तेजी आई।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने मंगलवार को बताया कि इस प्लांट ने वर्ष 2014-15 में 1,862 रेल पहिए का उत्पादन किया। जबकि, वर्ष 2015-16 में 12,054, 2016-17 में 12,593, वर्ष 2017-18 में 23,276 तथा वर्ष 2018-19 में 20,754 रेल पहिए का निर्माण हुआ। इसके बाद वर्ष 2019-20 में 26,150, 2020-21 में 25,241 तथा 2021-22 में 24,255 पहियों का उत्पादन किया गया। इसी तरह वर्ष 2022-23 में 24,518 तथा पिछले वित्त वर्ष अर्थात 2023-24 में रिकॉर्ड 42,167 रेल पहियों का उत्पादन किया गया।
रेल पहिया उत्पादन के क्षेत्र में 2023-24 में प्राप्त उपलब्धि रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। इस प्रकार स्थापना से अब तक इस संयंत्र द्वारा 2 लाख 16 हजार से अधिक रेल पहिए का निर्माण किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल की पहियों की मांग को पूरा करने के लिए सारण जिले के दरियापुर में रेल व्हील प्लांट की स्थापना की गई है। यह संयंत्र 1 अगस्त 2014 से रेलवे की उत्पादन इकाई बना। अब यह संयंत्र अपनी सफलता के 10 वर्ष पूरे कर चुका है।
इस संयंत्र की आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी गई थी। इस संयंत्र की क्षमता प्रतिवर्ष एक लाख तक पहियों के निर्माण की है। बताया जाता है कि यहां रेलवे की विभिन्न इकाइयों में इस्तेमाल के लिए अनुपयुक्त मुख्यतः रद्द व्हील सेट, एक्सल, पटरियों, आसानी से पिघलने वाले स्क्रैप आदि की सहायता से ढलवां इस्पात पहियों का निर्माण हो रहा है।
–आईएएनएस
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