कोलकाता, 7 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता की एक विशेष एनआईए अदालत ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में 2019 के नकली भारतीय मुद्रा जब्ती मामले में दो लोगों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही पिछले महीने से अब तक इस मामले में दोषी ठहराए गए लोगों की कुल संख्या तीन हो गई है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनएआई) के एक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के असीम सरकार को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं मालदा जिले के उसके सह-आरोपी अलादु को पांच साल जेल में रहना होगा।
23 जुलाई को एनआईए अधिकारियों ने बताया कि इसी मामले में तीसरे आरोपी फैजुल एसके को उसी अदालत ने पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
बुधवार को जारी एनआईए के बयान के अनुसार, सरकार और अलादु को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। उन पर क्रमशः 10 हजार रुपये और 5 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। भुगतान न करने पर दोनों को तीन साल के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा होगी।
इसी विशेष अदालत ने फैजुल एसके पर भी 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यदि वह जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसे तीन साल अतिरिक्त जेल में ही बिताने होंगे। फैजुल मालदा जिले के गोपालगंज इलाके का निवासी है।
एनआईए के बयान के अनुसार, “राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा नवंबर 2019 में उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) की जब्ती से संबंधित मामले में अब्दुल रहीम नामक एक फरार बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ मुकदमा अभी जारी है।
16 सितंबर 2019 को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 2,000 रुपये मूल्य के 99 नकली नोट और 500 रुपये मूल्य के दो नकली नोट बरामद किए थे। जिनकी कुल कीमत 1 लाख 99 हजार रुपये थी।
बयान में कहा गया, “एनआईए की जांच में पाया गया कि सभी चार आरोपी अवैध लाभ के लिए इसे असली के रूप में इस्तेमाल करने के इरादे से खरीद और प्रसार करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे।”
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी