भागलपुर, 7 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर को नई दिल्ली में चल रहे सतत कृषि सम्मेलन और पुरस्कार कार्यक्रम में दो पुरस्कारों से नवाज़ा गया। कृषि विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम में ‘प्रसार और प्रशिक्षण उत्कृष्टता’ तथा ‘हरियाली उत्पादन नवाचारी’ पुरस्कार प्रदान किए गए।
नई दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर में आयोजित सम्मलेन में यह पुरस्कार विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरके. सोहाने और सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ, आरएन. सिंह ने प्राप्त किए।
बताया गया कि ‘प्रसार और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता पुरस्कार’ विश्वविद्यालय द्वारा बिहार राज्य में कृषि प्रसार और किसानों के उत्थान के लिए बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षण देने के लिए प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय ने अपने विभिन्न इकाइयों के माध्यम से विगत वर्ष 2,853 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिसमें 1,03,506 पुरुष और महिला किसानों ने हिस्सा लिया है। इसके अलावा किसान चौपाल और आईसीटी के माध्यम से राज्य में कृषि प्रसार के क्षेत्र में भी बड़ी पहल की गई है। विश्वविद्यालय के इन प्रयासों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
‘ग्रीन हार्वेस्ट इनोवेटर अवॉर्ड’ विश्वविद्यालय परिसर में सघन हरियाली के आच्छादन, विभिन्न उद्यानों, फूलों के कचरों से विभिन्न उत्पाद बनाने, खाली स्थानों को खेती के उपयोग में लाने के लिए रूफ गार्डनिंग, मृदा स्वास्थ के लिए कार्य, पार्थेनियम जागरूकता, पारिस्थितिकी तंत्र को बरकरार रखने में मधुमखियों और मकड़ियों के योगदान पर जागरूकता लाने एवं उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. डीआर. सिंह ने कहा, “विश्वविद्यालय अपने राज्य में कृषि और कृषकों के उत्थान के लिए बेहतर कार्य कर रही है। साथ ही हम टिकाऊ खेती और हरित आच्छादन (ग्रीन कवरेज) को बढाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, हमारे इस प्रयास को पुरस्कृत किया जाना खुशी की बात है।”
–आईएएनएस
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