अगरतला, 8 अगस्त (आईएएनएस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की मदद से बांग्लादेश में फंसे 17 भारतीय श्रमिकों की वापसी कराई। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि बांग्लादेश में अखौरा से किशोरगंज तक 52 किलोमीटर लंबी फोन लेन सड़क के निर्माण के लिए एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नियोजित 17 श्रमिक बुधवार रात अगरतला-अखौरा (बांग्लादेश) एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) के जरिए त्रिपुरा लौट आए। अधिकारी ने बताया कि बुधवार शाम बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर के महानिरीक्षक पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास को बांग्लादेश में फंसे भारतीय श्रमिकों के बारे में एक कॉल आया, जिन्हें सहायता की आवश्यकता थी।
प्रवक्ता ने कहा, “बांग्लादेश में चल रही अशांति के कारण एक निजी कंपनी के श्रमिक रामरेल (बांग्लादेश के ब्राह्मणबारिया जिले में) स्थित अपने शिविर में फंसे हुए थे और ये 17 श्रमिक आईसीपी, अखौरा की ओर जा रहे थे। रात के समय उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए बीएसएफ से अनुरोध किया गया।” उन्होंने कहा कि तत्काल बीएसएफ और बीजीबी के नोडल अधिकारी स्तर पर संपर्क स्थापित किया गया।
प्रवक्ता ने कहा, “एक सुनियोजित और समन्वित अभियान में, बीएसएफ और बीजीबी ने तालमेल दिखाते हुए मिलकर काम किया। बीजीबी ने 17 श्रमिकों को मदद प्रदान की और आईसीपी, अखौरा तक उनकी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की और फिर उन्हें बीएसएफ को सौंपने से पहले देर रात सीमा शुल्क और आव्रजन मंजूरी सुनिश्चित की।”
बता दें कि मुंबई स्थित एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अखौरा से किशोरगंज तक 52 किलोमीटर लंबी फोर-लेन सड़क बनाने के लिए पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और अन्य राज्यों के 17 श्रमिकों को रोजगार दिया था। कोटा प्रणाली को लेकर हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में बांग्लादेश में अराजकता और अशांति के कारण देश में अभूतपूर्व हिंसा हुई। इसके बाद शेख हसीना ने अचानक प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, इसके बाद वह भारत भाग गईं।
–आईएएनएस
आरके/सीबीटी