नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। वक्फ बिल को लेकर जारी विरोध और समर्थन के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से शुक्रवार को 12 शीर्ष मौलवियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल ने बिल को लेकर अपना समर्थन दिया।
बता दें कि बीते दिनों केंद्र की मोदी सरकार यह वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 लेकर आई है। गुरुवार को किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया था।
इस बिल को मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए जरूरी बताया गया है, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। कह रहे हैं कि बिल मुस्लिमों के हितों पर कुठाराघात करेगा, जबकि बीजेपी का दावा है कि इससे मुस्लिम समुदाय में खासकर मुस्लिम महिलाओं के बीच पारदर्शिता आएगी।
केंद्र सरकार के इस कदम को विपक्ष संविधान पर प्रहार बता रहा है, लेकिन अब जिस तरह से मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने इस बिल को लेकर किरेन रिजिजू से मुलाकात की और समर्थन देने की बात कही, उससे सियासी हलचल तेज हो गई है।
बता दें कि किरेन रिजिजू से मुलाकात करने वाले मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल में सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती, जनाब गुलाम नजमी फारूकी नायब, सैय्यद मेहराजुद्दीन चिश्ती, जनाब अब्दुल कादर कादरी साहब, सैय्यद अंजुमफरीद चिश्ती, मोहम्मद साद, फरीद अहमद निजामी साहब, जनाब अरशद फरीदी साहब, यद मोहतशिम अली, जनाब खुसरो जियाई नायब, सैयद कैफ अली और जावेद खान का नाम शामिल है।
फिलहाल, वक्फ बिल संशोधन की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित कर दी गई है। गुरुवार को मंत्री किरेन रिजिजू ने इस समिति के लिए कई नामों काे प्रस्तावित किया, इसमें इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिबुल्लाह और असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल है।
–आईएएनएस
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