पटना, 10 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार कांग्रेस ने अब प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता के लालच में प्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे की मांग से किनारा कर लिया है।
उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे को लेकर कांग्रेस इसके लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़कर अंजाम तक पहुंचाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिंह ने कहा कि 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने लगातार कई चुनावों और विधानमंडल में अपने दल और नेताओं के साथ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाते रहे हैं। बिहार कांग्रेस प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। इसके तहत आगामी 12 अगस्त को प्रदेश के वरिष्ठ नेता सभी जिला मुख्यालयों में प्रेस वार्ता करेंगे। 13 और 14 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर विशेष राज्य के दर्जे को लेकर धरना कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें जिला प्रभारी, विधायक, पूर्व विधायक, एआईसीसी और प्रदेश डेलीगेट, जिला पदाधिकारी शामिल रहेंगे।
उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में जिला स्तरीय एवं तृतीय स्तर पर राज्य स्तरीय आंदोलन प्रस्तावित है।
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक बार मुख्यमंत्रियों की बैठक में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बिहार को सबसे अच्छा प्रशासित राज्य का दर्जा दिया था। बिहार का झारखंड से बंटवारे के बाद सारे खनिज अयस्क झारखंड चले गए। तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बिहार को 1 लाख 80 हजार करोड़ के पैकेज की बात कही थी लेकिन उन्होंने भी इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया।
उन्होंने बिहार के औद्योगिक विकास, रेल कारखाने को लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों पर बताया कि इस राज्य के विकास में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के हित में उठा रही है और यह मांग लगातार केंद्र द्वारा अनसुनी की जा रही है।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे उनसे सहानुभूति है कि आखिर इतनी बड़ी लड़ाई वे लड़ रहे थे, उसको बीच में छोड़कर आखिर किस लालच में उन्होंने राज्य के विकास से समझौता कर लिया।
–आईएएनएस
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