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Home ताज़ा समाचार

बिलावल भुट्टो की चेतावनी- अगर अफगान सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो आतंकवाद पाकिस्तान से आगे निकल जाएगा

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February 18, 2023
in ताज़ा समाचार
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बिलावल भुट्टो की चेतावनी- अगर अफगान सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो आतंकवाद पाकिस्तान से आगे निकल जाएगा
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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

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जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

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इस्लामाबाद, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि अगर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार सक्रिय आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करती है तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

–आईएएनएस

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि अफगानिस्तान के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा देश से निकलने वाली सुरक्षा और आतंकवादी खतरा है।

जरदारी ने कहा- चिंता यह है कि अगर हम और अंतरिम अफगान सरकार इन समूहों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और वह आतंकवादी समूहों पर सख्ती की इच्छा और क्षमता का प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो वह पहले पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करेंगे- हम पहले से ही देख रहे हैं पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है- लेकिन इसके कहीं और पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति से अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद पर काबू पाने और ऐसा करने की इच्छा प्रदर्शित करने के लिए राजी करना महत्वपूर्ण है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी ने दुनिया के नेताओं से अंतरिम अफगान सरकार के क्षमता निर्माण का तरीका खोजने को कहा ताकि वह एक स्थायी सेना बनाने में मदद कर सके।

उन्होंने कहा, उनके पास स्थायी सेना नहीं है, न ही आतंकवाद विरोधी बल या उचित सीमा सुरक्षा भी है। उस स्थिति में, भले ही उनके पास इच्छाशक्ति हो, उनके पास इस [आतंकवादी] खतरे से निपटने की क्षमता नहीं है जो एक समस्या है, पहले आसन्न पड़ोसियों के लिए और फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए।

जरदारी ने उल्लेख किया कि कैसे काबुल में तखतापलट और उसके बाद यूक्रेन युद्ध से अफगानिस्तान पर बहुत कम ध्यान दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आक्रमण नहीं करना चाहता है और ना अतीत की गलतियों को दोहराना चाहता है, इसलिए सबसे अच्छा अफगानिस्तान में संबंधित कानून लागू करने वाली संस्थाओं के कार्यात्मक होने का है।

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