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Home ताज़ा समाचार

ओडिशा पुलिस ने अंतरराज्यीय नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया, मास्टरमाइंड गिरफ्तार

by
February 18, 2023
in ताज़ा समाचार
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ओडिशा पुलिस ने अंतरराज्यीय नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया, मास्टरमाइंड गिरफ्तार
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भुवनेश्वर, 18 फरवरी (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक अंतरराज्यीय नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो ओडिशा सहित 17 राज्यों में चल रहा था। रैकेट के मास्टरमाइंड को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

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धोखाधड़ी संगठन का दिल्ली में एक पंजीकृत कार्यालय है और मुंबई, भोपाल और देहरादून में अन्य कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसने नौकरी के इच्छुक लोगों से 6.6 करोड़ रुपये ठगे हैं।

जय नारायण पंकज ने कहा कि उम्मीदवारों से एकत्र की गई राशि धर्मपाल सिंह द्वारा प्रबंधित विभिन्न खातों में जमा की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटालेबाज अवैध तरीके से कमाए गए धन को रूगिट करने और उसे सफेद (लॉन्ड्रिंग) करने के लिए छह से सात शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने मुंबई स्थित एक फिल्म निर्माण कंपनी सुमित्रा प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया था।

पंकज ने कहा कि ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान ने जिला और ब्लॉक समन्वयक, कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्लॉक सर्वेयर आदि जैसे विभिन्न पदों के लिए शैक्षिक योग्यता और व्यक्तिगत पदों के लिए पारिश्रमिक निर्धारित करते हुए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

विज्ञापन में वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ओआरडी डॉट का नाम भी शामिल था। उन्होंने कहा कि नौकरी के इच्छुक लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने आरक्षण और रियायती शुल्क की भी पेशकश की, जैसा कि सरकारी नौकरियों के लिए किया जाता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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भुवनेश्वर, 18 फरवरी (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक अंतरराज्यीय नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो ओडिशा सहित 17 राज्यों में चल रहा था। रैकेट के मास्टरमाइंड को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

धोखाधड़ी संगठन का दिल्ली में एक पंजीकृत कार्यालय है और मुंबई, भोपाल और देहरादून में अन्य कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसने नौकरी के इच्छुक लोगों से 6.6 करोड़ रुपये ठगे हैं।

जय नारायण पंकज ने कहा कि उम्मीदवारों से एकत्र की गई राशि धर्मपाल सिंह द्वारा प्रबंधित विभिन्न खातों में जमा की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटालेबाज अवैध तरीके से कमाए गए धन को रूगिट करने और उसे सफेद (लॉन्ड्रिंग) करने के लिए छह से सात शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने मुंबई स्थित एक फिल्म निर्माण कंपनी सुमित्रा प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया था।

पंकज ने कहा कि ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान ने जिला और ब्लॉक समन्वयक, कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्लॉक सर्वेयर आदि जैसे विभिन्न पदों के लिए शैक्षिक योग्यता और व्यक्तिगत पदों के लिए पारिश्रमिक निर्धारित करते हुए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

विज्ञापन में वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ओआरडी डॉट का नाम भी शामिल था। उन्होंने कहा कि नौकरी के इच्छुक लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने आरक्षण और रियायती शुल्क की भी पेशकश की, जैसा कि सरकारी नौकरियों के लिए किया जाता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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भुवनेश्वर, 18 फरवरी (आईएएनएस)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक अंतरराज्यीय नौकरी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो ओडिशा सहित 17 राज्यों में चल रहा था। रैकेट के मास्टरमाइंड को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

धोखाधड़ी संगठन का दिल्ली में एक पंजीकृत कार्यालय है और मुंबई, भोपाल और देहरादून में अन्य कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसने नौकरी के इच्छुक लोगों से 6.6 करोड़ रुपये ठगे हैं।

जय नारायण पंकज ने कहा कि उम्मीदवारों से एकत्र की गई राशि धर्मपाल सिंह द्वारा प्रबंधित विभिन्न खातों में जमा की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटालेबाज अवैध तरीके से कमाए गए धन को रूगिट करने और उसे सफेद (लॉन्ड्रिंग) करने के लिए छह से सात शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने मुंबई स्थित एक फिल्म निर्माण कंपनी सुमित्रा प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया था।

पंकज ने कहा कि ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान ने जिला और ब्लॉक समन्वयक, कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्लॉक सर्वेयर आदि जैसे विभिन्न पदों के लिए शैक्षिक योग्यता और व्यक्तिगत पदों के लिए पारिश्रमिक निर्धारित करते हुए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

विज्ञापन में वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ओआरडी डॉट का नाम भी शामिल था। उन्होंने कहा कि नौकरी के इच्छुक लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने आरक्षण और रियायती शुल्क की भी पेशकश की, जैसा कि सरकारी नौकरियों के लिए किया जाता है।

–आईएएनएस

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आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

धोखाधड़ी संगठन का दिल्ली में एक पंजीकृत कार्यालय है और मुंबई, भोपाल और देहरादून में अन्य कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसने नौकरी के इच्छुक लोगों से 6.6 करोड़ रुपये ठगे हैं।

जय नारायण पंकज ने कहा कि उम्मीदवारों से एकत्र की गई राशि धर्मपाल सिंह द्वारा प्रबंधित विभिन्न खातों में जमा की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटालेबाज अवैध तरीके से कमाए गए धन को रूगिट करने और उसे सफेद (लॉन्ड्रिंग) करने के लिए छह से सात शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने मुंबई स्थित एक फिल्म निर्माण कंपनी सुमित्रा प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया था।

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आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

धोखाधड़ी संगठन का दिल्ली में एक पंजीकृत कार्यालय है और मुंबई, भोपाल और देहरादून में अन्य कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसने नौकरी के इच्छुक लोगों से 6.6 करोड़ रुपये ठगे हैं।

जय नारायण पंकज ने कहा कि उम्मीदवारों से एकत्र की गई राशि धर्मपाल सिंह द्वारा प्रबंधित विभिन्न खातों में जमा की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटालेबाज अवैध तरीके से कमाए गए धन को रूगिट करने और उसे सफेद (लॉन्ड्रिंग) करने के लिए छह से सात शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने मुंबई स्थित एक फिल्म निर्माण कंपनी सुमित्रा प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया था।

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आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

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आरोपी की पहचान धर्मपाल सिंह के रूप में हुई है। रैकेट ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान के नाम से चल रहा था। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जय नारायण पंकज ने कहा, घोटालेबाजों ने सरकारी वेबसाइट जैसी दिखने वाली एक वेबसाइट विकसित की थी।

धोखाधड़ी संगठन का दिल्ली में एक पंजीकृत कार्यालय है और मुंबई, भोपाल और देहरादून में अन्य कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसने नौकरी के इच्छुक लोगों से 6.6 करोड़ रुपये ठगे हैं।

जय नारायण पंकज ने कहा कि उम्मीदवारों से एकत्र की गई राशि धर्मपाल सिंह द्वारा प्रबंधित विभिन्न खातों में जमा की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि घोटालेबाज अवैध तरीके से कमाए गए धन को रूगिट करने और उसे सफेद (लॉन्ड्रिंग) करने के लिए छह से सात शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने मुंबई स्थित एक फिल्म निर्माण कंपनी सुमित्रा प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया था।

पंकज ने कहा कि ग्रामीण रोजगार कल्याण संस्थान ने जिला और ब्लॉक समन्वयक, कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्लॉक सर्वेयर आदि जैसे विभिन्न पदों के लिए शैक्षिक योग्यता और व्यक्तिगत पदों के लिए पारिश्रमिक निर्धारित करते हुए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

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