लखनऊ, 17 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में देश भर में डॉक्टरों का विरोध जारी है। लखनऊ के हजरतगंज स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने भी कोलकाता की घटना के विरोध में अस्पताल में काम बंद धरना प्रदर्शन किया।
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से अस्पताल में ओपीडी सुविधाएं पूरी तरह से ठप हो गईं। इससे मरीजों को भारी परेशानी देखने को मिली। इसके अलावा जिले के कई और अस्पतालों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारी डॉक्टर सरकार से सुरक्षा व आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल, एमएसवीपी, छात्र मामलों के डीन और चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी के अलावा घटना के दिन ड्यूटी पर मौजूद असिस्टेंट सुपर सपोर्ट समेत कई और बड़े अधिकारियों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि संबंधित मेडिकल कॉलेज के दोषी अधिकारियों को उनकी बची हुई सेवाओं के लिए किसी भी अन्य संस्थान में कोई भी पद देने से रोक दिया जाना चाहिए। इस घटना पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई कम से कम 30 लोगों के नामों पर ध्यान केंद्रित कर पूछताछ कर रही है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि आरोपियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस घटना पर तल्ख टिप्पणी की है। वहीं, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चार डॉक्टरों को सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने समन किया है। इनसे घटना को लेकर जरूरी पूछताछ किए जाने की बात सामने आई है।
–आईएएनएस
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