बेंगलुरू, 19 अगस्त (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) भूमि घोटाला मामले में राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। सिद्दारमैया ने राज्यपाल के फैसले को सोमवार को हाई कोर्ट में चुनौती दी। कांग्रेस द्वारा लगाए गए इल्जाम के बाद मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है।
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर राज्यपाल के कार्यालय का राजनीतिक दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
सिद्दारमैया ने मुदा भूमि घोटाला मामले में अभियोजन की अनुमति देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। इस मामले में सोमवार को ही सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी सिद्दारमैया की पैरवी करेंगे।
पिछले दिनों सीएम सिद्धारमैया ने कहा था, “राज्यपाल का फैसला पूरी तरह से असंवैधानिक है। हम इसे कानूनी रूप से चुनौती देंगे।”
उन्होंने कहा था कि राज्यपाल इस सरकार को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने भाजपा और जेडीएस पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाले के संबंध में झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
राज्यपाल के आदेश में कहा गया है, “मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि टीजे अब्राहम, प्रदीप कुमार एसपी और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित अपराधों के आरोपों पर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी जा सकती है।”
इसमें कहा गया है, “मैं मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए मंजूरी देता हूं।”
इसके खिलाफ कर्नाटक के कोप्पल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। शहर के अशोक सर्किल पर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जिला प्रभारी मंत्री शिवराज थंगड़गी, पूर्व मंत्री इकबाल अंसारी, सांसद राजशेखर हित नाल, पूर्व सांसद कार्डी सांगन्ना ने किया। पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला।
–आईएएनएस
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