मुंबई, 21 अगस्त (आईएएनएस)। भारत का प्राइवेट कॉरपोरेट इन्वेस्टमेंट वित्त वर्ष 2024-25 में 54 प्रतिशत बढ़कर 2,45,212 करोड़ रुपए हो सकता है। यह वित्त वर्ष 2023-24 में 1,59,221 करोड़ रुपए था। आरबीआई की एक स्टडी में यह जानकारी दी गई।
आरबीआई की स्टडी में कहा गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में निजी कॉरपोरेट सेक्टर द्वारा किया गया निवेश पिछले वर्ष के मुकाबले 57 प्रतिशत अधिक था।
वित्त वर्ष 2023-24 में निजी कॉरपोरेट सेक्टर की ओर से किया गया निवेश उत्साह पैदा करने वाला था। यह अधिक प्रोजेक्ट और निवेश के रूप में दिखा, जिन्हें बैंकों और फाइनेंस संस्थाओं की ओर से फाइनेंस किया गया था। इसमें ग्रीन फील्ड (नए) प्रोजेक्ट्स, कुल फाइनेंस किए गए प्रोजेक्ट्स की लागत के 89 प्रतिशत थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सबसे ज्यादा पूंजीगत निवेश आ रहा है, जिसमें रोड, पुल और पावर सेक्टर मुख्य हैं।
आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले मासिक बुलेटिन “स्टेट ऑफ इकोनॉमी” में कहा गया था कि आय बढ़ने के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है। मांग में कमी होने के कारण अब तक कम हुए निजी निवेश को इससे प्रोत्साहन और विकास दर को सहारा मिलेगा।
आरबीआई की रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में हल्का धीमापन दिखने के बाद मांग में तेजी देखने को मिल रही है। आय बढ़ने के कारण ग्रामीण मांग में भी इजाफा हो रहा है। इससे एफएमसीजी सेक्टर में भी ग्रोथ देखने को मिल रही है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ग्रामीण आय बढ़ने के साथ सेविंग में इजाफा हो रहा है, जो कि सेविंग बैंक खाते की संख्या और आउटस्टैंडिंग अकाउंट बढ़ने के रूप में दिख रहा है।
–आईएएनएस
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