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Home ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंकवाद और अलगाववाद में धकेलना चाहती है एनसी, जवाब दें राहुल गांधी : किशन रेड्डी

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August 24, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

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उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नेशनल कांफ्रेंस पर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र से सहमत है।

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन के खिलाफ देशभर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस से सवाल पूछने के अभियान के तहत देश की राजधानी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में फिर से अनुच्छेद-370 और 35 ए लाने का वादा किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या वह जम्मू कश्मीर की खुशहाली को छीनकर राज्य को फिर से आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर में धकेलने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है ? क्या राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करते हैं ?

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस पर पूरी तरह से हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कांग्रेस भी ‘शंकराचार्य पर्वत’ का नाम बदलकर ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ का नाम बदलकर ‘कोह-ए-मारन’ रखने के प्रस्ताव का समर्थन करती है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने राज्य से 370 हटाकर दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण दिया, महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कानूनों सहित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कानूनों को लागू किया ? राहुल गांधी बताएं कि क्या कांग्रेस इन सभी अधिकारों को जम्मू कश्मीर की जनता से छीन लेने के नेशनल कांफ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है।

जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रभारी ने आगे यह भी बताया कि भाजपा जम्मू कश्मीर के गांव-गांव और घर-घर जाकर राज्य के लोगों को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन और घोषणापत्र के बारे में बताएगी। भाजपा राज्य की जनता से यह भी अपील करेगी कि वह विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को मजहब के नजरिए से नहीं देखे। क्योंकि यह चुनाव जम्मू कश्मीर के विकास, उनके अधिकार और आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसी आधार पर सोच-समझकर फैसला करें।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर, वहां बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से लागू किया लेकिन देशभर में संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी की सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर से फिर से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को हटाने की बात कर रही है, इस पर राहुल गांधी की क्या राय है ?

उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से नेशनल कांफ्रेंस के घोषणापत्र से जुड़े अन्य सवालों को भी उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर और देश की जनता को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

पीडीपी से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटाने से पहले की बात थी। अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। भविष्य में (चुनाव बाद भी) अब पीडीपी को साथ लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

–आईएएनएस

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