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भारत का इंजीनियरिंग वस्तु निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़कर चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में 37 अरब डॉलर तक पहुंचा

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August 24, 2024
in राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

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ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

— आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

— आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

— आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

— आईएएनएस

जीकेटी/

नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

— आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने आंकड़ा जारी कर बताया कि भारत का इंजीनियरिंग सामान निर्यात जुलाई में 3.66 प्रतिशत बढ़ गया, क्योंकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर जैसे देशों में भेजे गए शिपमेंट में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

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जुलाई में इंजीनियरिंग सामान के निर्यात का कुल मूल्य 9.04 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 8.72 अरब डॉलर था। इस बढ़ोतरी का श्रेय इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो के पार्ट्स, क्रेन, लिफ्ट और विंच सहित निर्माण मशीनरी के शिपमेंट में अच्छी वृद्धि को दिया गया।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार, अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 36.97 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 35.49 बिलियन डॉलर था, जिसमें 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल जुलाई में अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग सामान का निर्यात किया गया। यह वृद्धि 4.2 फीसदी (साल-दर-साल) है।

इंजीनियरिंग निर्यात की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात के लिए यह 625.78 मिलियन डॉलर (सालाना आधार पर 65.6 प्रतिशत अधिक) और सऊदी अरब को 412.30 मिलियन डॉलर यानी 9.2 प्रतिशत बढ़ गया है ।

भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का जिन 25 प्रमुख देशों में निर्यात होता हैं उनमें से 10 देशों में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जबकि 15 देशों में नकारात्मक वृद्धि देखी गई। यही 25 देश हैं जो भारत के कुल इंजीनियरिंग निर्यात में 75.5 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, “भविष्य में कम्युलेटिव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का वैश्विक पूर्वानुमान 2024 के लिए लगभग 3 प्रतिशत रहेगा, साथ ही अल्पकालिक व्यापार दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा।”

केंद्रीय बजट 2024-25 से एमएसएमई और निर्यात को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है। बजट में प्रमुख इनपुट के लिए तर्कसंगत बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) का भी वादा किया गया है जो इंजीनियरिंग निर्यात को और बढ़ावा देगा।

इस बीच, भारत की तरफ से बांग्लादेश को किया जाने वाला इंजीनियरिंग निर्यात जुलाई में 11.8 प्रतिशत गिरकर 153.78 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 174.35 मिलियन डॉलर था।

वाणिज्य विभाग के हाल के अनुमान के अनुसार, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी जुलाई में बढ़कर 26.6 प्रतिशत हो गई।

जुलाई 2024 में, 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 24 में साल-दर-साल सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि शेष 10 इंजीनियरिंग पैनलों में गिरावट देखी गई है।

— आईएएनएस

जीकेटी/

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