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Home ताज़ा समाचार

चीनी जासूसी विमान द्वारा हवाई क्षेत्र का उल्लंघन पूरी तरह अस्वीकार्य : जापान

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August 27, 2024
in ताज़ा समाचार
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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

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इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

–आईएएनएस

एकेएस/एसकेपी

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

–आईएएनएस

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

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देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

–आईएएनएस

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

–आईएएनएस

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

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जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

–आईएएनएस

एकेएस/एसकेपी

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टोक्यो, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जापान ने मंगलवार को चीनी सैन्य खुफिया विमान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की और इसे “संप्रभुता और सुरक्षा का पूरी तरह से उल्लंघन” बताया, जो स्वीकार नहीं है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सोमवार, 26 अगस्त, 2024 को एक चीनी सैन्य वाई-9 खुफिया जानकारी जुटाने वाले विमान ने लगभग 11:29 (जापानी समय) और 11:31 के बीच नागासाकी प्रान्त में ओशिमा द्वीप के तट पर जापानी क्षेत्रीय जल पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।”

इसमें कहा गया है, “इसके जवाब में, आत्मरक्षा बलों ने पश्चिमी वायु रक्षा बल से लड़ाकू जेट विमानों को भेजा तथा चेतावनियां जारी करने सहित अन्य उपाय भी किए।”

इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने जापानी हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान की घुसपैठ की कड़ी निंदा की तथा इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया।

मुख्य कैबिनेट सचिव ने कहा, “चीनी सैन्य विमानों द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न केवल हमारे देश की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है और हम इसे पूरी तरह अस्वीकार्य मानते हैं।”

प्रवक्ता ने यह भी खुलासा किया कि टोक्यो ने बीजिंग के समक्ष “अत्यंत गंभीर विरोध” दर्ज कराया है तथा उससे भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन को रोकने का आग्रह किया है।

जापानी विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को टोक्यो में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “विदेश मामलों के उप-मंत्री ओकानो मसाटाका ने टोक्यो में चीनी दूतावास के प्रभारी शि यिंग को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया और दृढ़ता से अनुरोध किया कि ऐसा दोबारा न हो। जापान अपने क्षेत्र, प्रादेशिक जल और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्प है, तथा शांतिपूर्वक और दृढ़ता से जवाब देना जारी रखेगा, साथ ही वह दावे भी करेगा जो किए जाने चाहिए।”

जापानी अधिकारियों का कहना है कि यद्यपि चीनी गैर-सैन्य विमानों ने पहले भी सेनकाकू द्वीप के पास जापानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है, लेकिन यह चीनी सैन्य विमान द्वारा जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की पहली पुष्ट घटना है।

देश के प्रमुख दैनिक जापान टाइम्स ने मुख्य कैबिनेट सचिव के हवाले से कहा, “हालांकि हम चीनी सैन्य विमानों की गतिविधियों के इरादे और उद्देश्य के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते, लेकिन हाल के वर्षों में जापान के निकट इसकी सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं और वे लगातार सक्रिय होती जा रही हैं। सरकार चीन की सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने तथा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।”

जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख व्यक्त किया।

क्योदो न्यूज ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री के हवाले से बताया, “जापान अपनी भूमि, समुद्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए दृढ़ है।”

हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब जापान ने अगस्त 2023 में फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ दिया, जिसके कारण चीन ने जापानी समुद्री भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

–आईएएनएस

एकेएस/एसकेपी

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