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अमेरिका का बैलून राजनीतिक शो

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February 19, 2023
in अंतरराष्ट्रीय
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अमेरिका का बैलून राजनीतिक शो
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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

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वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एसजीके

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

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अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एसजीके

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

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बीजिंग, 19 फरवरी (आईएएनएस)। हाल ही में अमेरिकी नेता ने ह्वाइट हाउस में भाषण देते हुए कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि हाल ही में गिराई गई तीन वस्तुएं चीन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका लगातार चीन से संपर्क रखेगा और नया शीतयुद्ध पैदा नहीं करेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अमेरिका चीन के उस बैलून को मार गिराने के लिए माफी नहीं मांगेगा।

अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

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अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

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चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

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अमेरिका के इस तरह के विरोधाभासी बयानों में ईमानदारी की कमी है और यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है। चीन ने बारी-बारी से यह कहा है कि चीनी नागरिक मानवरहित हवाई पोत अप्रत्याशित घटना के कारण अमेरिकी हवाई क्षेत्र में भटक गया, जो पूरी तरह से आकस्मिक बात है। अमेरिका के कई अधिकारियों ने भी कहा कि चीनी बैलून से अमेरिकी कर्मियों और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। लेकिन वाशिंगटन में ध्रुवीकृत पक्षपात के राजनीतिक माहौल में, यह साधारण दुर्घटना जटिल बनी और एक राजनीतिक शो में बदल गई।

वास्तव में सामान्य अंतर्राष्ट्रीय कानून के नियमों के अनुसार, यदि अप्रत्याशित घटना, संकट या आपातकालीन परिहार की तीन स्थितियों में से एक है, तो किसी देश के मानव रहित विमान को बिना अनुमति के दूसरे देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अवैधता से छूट दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास में नागरिक विमान जो किसी देश के हवाई क्षेत्र में भटक जाते हैं, आम तौर पर चेतावनी, निष्कासन, उड़ान के साथ और जबरन लैंडिंग जैसे उपायों से निपटा जाता है, और उन्हें राजनयिक चैनलों के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाता है। यह देखा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून या अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास के नियमों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अमेरिका ने स्पष्ट रूप से अति-प्रतिक्रिया की है, यहां तक कि हिस्टीरिकल भी।

चीन सरकार से मिली खबर के अनुसार, गत वर्ष के मई से अमेरिका ने अपने क्षेत्र से दुनिया भर में बड़ी संख्या में ऊंचाई वाले बैलून उड़ाए हैं और चीन के हवाई क्षेत्र में कम से कम 10 बार अवैध रूप से उड़ान भरी है। लेकिन अमेरिका ने इस के बारे में कुछ भी नहीं कहा। यह एक स्पष्ट अमेरिकी दोहरे मानक अभ्यास है।

अमेरिका के कुछ लोग इस मानव रहित हवाई पोत के माध्यम से चीन से लाभ लेना और खुद को हित पहुंचाना चाहते हैं, जो बिल्कुल असफल होगा। चीन का रुख बहुत स्पष्ट है, यानी चीन और अमेरिका के बीच समस्याएं भयानक नहीं हैं। कुंजी यह है कि क्या उनके पास ईमानदारी और समस्याओं को ठीक से संभालने की क्षमता है।

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