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पंजाब और हरियाणा में शुष्क मौसम का गेहूं की फसल पर पड़ सकता है असर : विशेषज्ञ

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February 19, 2023
in अर्थजगत
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पंजाब और हरियाणा में शुष्क मौसम का गेहूं की फसल पर पड़ सकता है असर : विशेषज्ञ
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चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

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कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

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चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

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मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

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मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

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मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

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चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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चंडीगढ़, 19 फरवरी (आईएएनएस)। पंजाब और हरियाणा में एक फरवरी से मौसम ज्यादातर शुष्क बना हुआ है और इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है।

मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

–आईएएनएस

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मौसम विभाग के कार्यालय ने रविवार को कहा कि शुष्क मौसम महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण है।

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। किसानों से कहा गया है कि यदि फसल पर दबाव दिखाई दे तो हल्की सिंचाई की जा सकती है।

विशेषज्ञों कहा कि पंजाब और हरियाणा में मौजूदा अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान औसत से 3-5 डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने की संभावना है। 20 फरवरी को पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर जिलों और आसपास के इलाकों में और 21 फरवरी को हरियाणा के पंचकूला और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है।

चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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