नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ये वंदे भारत ट्रेन तीन मार्गों – मेरठ-लखनऊ, मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल की कनेक्टिविटी को और बेहतर करेंगी।
मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन यात्रियों का वर्तमान में दोनों शहरों के बीच सबसे तेज ट्रेन की तुलना में लगभग एक घंटा बचाएगी।
इसी तरह, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेन यात्रा को दो घंटे से अधिक समय में और लगभग 90 मिनट बचाकर पूरा करेंगी।
नई वंदे भारत ट्रेन उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में लोगों को स्पीड और आराम के साथ यात्रा करने के लिए विश्व स्तरीय साधन उपलब्ध कराएंगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि नई वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने से रेल सेवा का एक नया मानक स्थापित होगा, जिससे नियमित यात्रियों, पेशेवरों, व्यापारियों और छात्र समुदायों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित, सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को आधुनिक और आरामदायक रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करती है।
वंदे भारत ट्रेनों में तेज गति और 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की सेमी-हाई स्पीड संचालन होता है। इनमें टकराव रोधी उपकरण कवच लगा हुआ है और स्वचालित प्लग दरवाज़ों के साथ यात्रियों की मुक्त आवाजाही हो सकती है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा में बताया था कि भारतीय रेलवे ने 2019-2020 से 2023-2024 तक अपने नेटवर्क पर 100 वंदे भारत ट्रेनों सहित 772 अतिरिक्त ट्रेन सेवाएं शुरू की है।
वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए अब तक उपयोग की गई कुल धनराशि 1,343.72 करोड़ रुपये है।
रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए इन ट्रेनों को शुरू किया गया है, जिसमें आधुनिक कोचों में बेहतर सुरक्षा और अन्य सुविधाएं हैं।
उन्होंने कहा, “यात्रियों के विभिन्न वर्गों की यात्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे एक्सप्रेस ट्रेन, सुपरफास्ट ट्रेन, पैसेंजर/मेमू/डेमू ट्रेन और उपनगरीय सेवाएं शुरू करता है और उनका संचालन करता है। ट्रेन सेवाओं की शुरुआत भारतीय रेलवे की एक सतत प्रक्रिया है जो यातायात औचित्य, परिचालन व्यवहार्यता और संसाधनों की उपलब्धता के अधीन है।”
–आईएएनएस
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