शिमला, 2 सितंबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को राज्य के कर्मचारियों को वेतन न मिलने पर कहा कि कर्मचारी दो दिनों से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ” कर्मचारी अपने फोन पर हर मैसेज की यह सोचकर जांच कर रहे हैं कि उनका वेतन आ गया है। वे अपने सहयोगियों और अन्य विभागों के लोगों को फोन कर पूछ रहे हैं कि उनका वेतन आया या नहीं। आज तक राज्य में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई कि कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए इंतजार करना पड़े।”
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू कहते हैं कि कोई वित्तीय संकट नहीं है। जब कोई वित्तीय संकट नहीं है तो कर्मचारियों का वेतन क्यों नहीं आ रहा है? सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन कब आएगी? कर्मचारियों के पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है, उन्हें वेतन से ही अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ता है। ऐसे में बिना वेतन के परिवार कैसे चलेगा?
उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपने वेतन से ही सारे खर्च उठाते हैं। मकान किराए से लेकर राशन, बिजली-पानी आदि का खर्च महीने के पहले सप्ताह में ही देना पड़ता है। कर्ज की किस्तें जमा न कर पाना अपने आप में बड़ी समस्या है, क्योंकि इसके कारण जुर्माना और वित्तीय शुल्क अलग से देना पड़ता है। यह स्थिति किसी भी हालत में ठीक नहीं है कि राज्य सरकार के किए की सजा कर्मचारियों को भुगतनी पड़े। मुख्यमंत्री को राज्य के कर्मचारियों को बताना चाहिए कि उनका वेतन उनके खाते में कब आएगा।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा था कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है, बल्कि राज्य सरकार पहले दिन से ही सुधारों को आगे बढ़ा रही है और अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस साल 70 साल से अधिक उम्र के 27 हजार पेंशनभोगियों के बकाए का भुगतान कर रही है और सभी सरकारी कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया गया है। इसके अलावा, सरकार किसानों, मजदूरों, बागवानों, महिलाओं और छोटे दुकानदारों समेत सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे अमीर राज्य बनाना है।
–आईएएनएस
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