ढाका, 20 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश के युवाओं के साथ जुड़ने के लिए गुलशन में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में बांग्लादेश युवा प्रतिनिधिमंडल (बीवाईडी) कॉर्नर का उद्घाटन किया।
भारतीय उच्चायोग के एक प्रेस बयान में कहा गया है कि रविवार को उप शिक्षा मंत्री बैरिस्टर मोहिबुल हसन चौधरी नोफेल और भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने संयुक्त रूप से बीवाईडी का उद्घाटन किया।
यह आयोजन बीवाईडी के पूर्व छात्रों के साथ फिर से जुड़ने के कार्यक्रम का हिस्सा था।
बीवाईडी क्रमश: भारत और बांग्लादेश की सरकारों के बीच अंतर्राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान के तहत आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। कार्यक्रम का उद्देश्य दो पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, नेतृत्व विकास और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है।
अपनी स्थापना के बाद से, कार्यक्रम ने लगभग 800 बांग्लादेशी युवाओं को भारत आने और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देने वाली विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया है।
बीवाईडी कॉर्नर प्रतिनिधियों को मिलने, बातचीत करने और अपने अनुभव साझा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। हमारे पूर्व छात्रों के लिए बीवाईडी कॉर्नर पर नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी।
इसके अलावा, उच्चायोग और युवा पूर्व छात्रों के बीच आदान-प्रदान को और संस्थागत बनाने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में कार्यक्रम के दौरान एक बीवाईडी पूर्व छात्र पोर्टल भी लॉन्च किया गया था। उच्चायोग इंटर्नशिप, छात्रवृत्ति और अन्य सेवाओं के मामले में बीवाईडी के पूर्व छात्रों को अवसर और सुविधाएं प्रदान करने की प्रक्रिया में है।
अपने संबोधन में, उच्चायुक्त वर्मा ने भारत और बांग्लादेश के बीच एक अनमोल कड़ी के रूप में युवाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बनाने और आपसी सम्मान और समझ के आधार पर दोस्ती के मजबूत बंधन स्थापित करने में बांग्लादेश के युवाओं की क्षमता में अपना विश्वास व्यक्त किया।
उच्चायुक्त ने भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बांग्लादेश युवा प्रतिनिधिमंडल के पूर्व छात्र, अपनी विविध पृष्ठभूमि और अनुभवों के माध्यम से अपने समुदायों, देश और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
बीवाईडी पूर्व छात्रों के लिए फिर से जुड़ने, अपने अनुभव साझा करने, समझ और सहयोग के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का एक अनूठा अवसर था।
–आईएएनएस
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