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9 सितंबर : जब हुआ था विलियम्स बहनों का टकराव, भूपति की जीत और सम्प्रास की विदाई

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September 9, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

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जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

भारत को यह उपलब्धि दिलाई थी महेश भूपति ने, जो भारत के पहले ग्रैंड स्लैम चैंपियन भी थे। जिन्होंने 1997 में जापान की रीका हिराकी के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। यह एक मिक्सड डबल्स खिताब था। अब तक भारत ने चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन पैदा किए हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना के अलावा महेश भूपति का नाम भी आता है। 1997 की जीत के दो साल बाद, 9 सितंबर 1999 को महेश भूपति ने जापान की ऐ सुगियामा के साथ मिलकर यूएस ओपन का मिक्स्ड डबल्स मुकाबला जीता था। यह मुकाबला डोनाल्ड जॉनसन (अमेरिका) और किम्बर्ली पो (जापान) की जोड़ी के खिलाफ था जिनको महेश भूपति और सुगियामा की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से हरा दिया था। दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को यह मैच जीतने में एक घंटे 20 मिनट में लगे थे।

जीत के बाद भूपति ने कहा था, “मेरी ताकत और सुगियामा के हुनर ने हमें यह खिताब दिलाया।”

तब 25 साल के भूपति ने कहा था कि शायद जापानी लड़कियां उनके लिए लकी हैं। यह खिताब बड़ा अहम था क्योंकि जूनियर स्तर पर टेनिस खेलने वाला एक खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना देखता है। महेश भूपति ने अपने करियर में 12 बार इस सपने को पूरे किया है।

9 सितंबर का दिन विलियम्स सिस्टर्स की प्रतिद्वंद्विता से भी जुड़ा है। वीनस और सेरेना, जो कोर्ट पर एक-दूसरे के सामने खड़ी होकर टेनिस का जबरदस्त रोमांच पेश करती थीं। वीनस विलियम्स का खेल जहां टेनिस स्किल के साथ मसल्स पावर का भी प्रदर्शन था तो वहीं सेरेना विलियम्स के विरुद्ध पावर गेम्स ने विपक्षियों को काफी दबाकर रखा था।

यह यूएस ओपन का महिला फाइनल था और आर्थर ऐश स्टेडियम में 23,000 से ज्यादा दर्शक इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए उत्साहित थे। तब 21 साल की वीनस विलियम्स दुनिया की नंबर 4 खिलाड़ी थी और मौजूदा यूएस ओपन चैंपियन भी। उनकी 19 साल की छोटी बहन सेरेना विलियम्स 1999 की विजेता और दुनिया की नंबर 10 खिलाड़ी थीं।

साल 2001 में खेले गए इस मैच के जरिए यूएस ओपन इतिहास में पहली बार दो बहनें सिंगल्स खिताब के लिए आमने-सामने थीं। पहली ही बार दो अश्वेत महिलाएं ओपन ट्रॉफी के लिए खेल रही थीं। इससे पहले 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में और फिर 2000 में विंबलडन सेमीफाइनल में वीनस ने सेरेना पर जीत हासिल की थी।

इस मैच को उनकी मां भी स्टैंड से बैठकर देख रही थीं। जिनका कहना था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतेगा, हर अंक उनकी एक बेटी का होगा।

69 मिनट तक चलने वाले इस मैच में वीनस ने सेरेना को 6-2, 6-4 से हराया था। जीत के बाद वीनस ने कहा था, “एक तरह से हम दोनों की जीत है। बड़ी बहन होने के नाते मुझे लगता है कि वह मुझे हरा देती तो मैं ज्यादा खुश होती। यह थोड़ा अजीब है लेकिन यही छोटी बहन के लिए मेरा प्यार भी है।”

यूएस ओपन का और अहम मैच 9 सितंबर से जुड़ा हुआ है। यह दो दिग्गजों की प्रतिद्वंदिता का अंतिम मुकाबला साबित हुआ था। यह खिलाड़ी थे पीट सम्प्रास और आंद्रे अगासी। 2002 के यूएस ओपन फाइनल में सम्प्रास ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी आंद्रे अगासी को चार सेटों के एक रोमांचक मुकाबले में हराया था। एक ऐसा मैच जिसे सम्प्रास ने अपनी किताब, “ए चैंपियन्स माइंड” में लिखा था, “यह मैच मेरे करियर का आखिरी और सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ाव साबित हुआ।”

हालांकि अगासी के खिलाफ सम्प्रास का रिकॉर्ड 20-14 का रहा। इस फाइनल मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने यूएस ओपन में भी आगासी के खिलाफ क्लीन रिकॉर्ड पास किया था। लेकिन तब सम्प्रास को नहीं पता था कि यह उनके करियर का अंतिम मैच साबित होगा। तब वह 31 साल के थे। आगासी सम्प्रास से 17 महीने बड़े थे, लेकिन वह चार और साल तक खेलते रहे।

इस मैच को जीतने के बाद सम्प्रास ने कहा था, “आगे के कुछ महीनों में मुझे यह देखना होगा कि मैं कहां खड़ा हूं। आंद्रे जैसे प्रतिद्वंदी को हराना एक कहानी को अच्छा अंत देने जैसा है। शायद यह रुकने का अच्छा समय भी होगा। लेकिन मैं अभी भी प्रतिस्पर्धा करना चाहता हूं। मुझे खेलना अभी भी बहुत पसंद है।”

हालांकि 14 पुरुष सिंगल्स खिताब जीतने वाला यह लीजेंड इस मैच के बाद नहीं खेल पाया था। पीट सम्प्रास ने विंबलडन में सात, यूएस ओपन में पांच और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दो बार खिताब अपने नाम किए थे।

–आईएएनएस

एएस/

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