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Home ताज़ा समाचार

नींद बिना दवाई के आ जाए तो आपकी आधी फिक्र उड़नछू

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September 10, 2024
in ताज़ा समाचार
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नींद बिना दवाई के आ जाए तो आपकी आधी फिक्र उड़नछू
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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बेफिक्र नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। कैसे? तो बस हमारी अपनी चिकित्सा पद्धति के सहज सूत्रों का पालन कर। आयुर्वेद उपचार का नहीं जीवन को सही तरीके से जीने का नाम है। बस फिर क्या जीवन में कुछ खास सूत्रों को अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं।

शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

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जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

–आईएएनएस

केआर/

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बेफिक्र नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। कैसे? तो बस हमारी अपनी चिकित्सा पद्धति के सहज सूत्रों का पालन कर। आयुर्वेद उपचार का नहीं जीवन को सही तरीके से जीने का नाम है। बस फिर क्या जीवन में कुछ खास सूत्रों को अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं।

शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बेफिक्र नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। कैसे? तो बस हमारी अपनी चिकित्सा पद्धति के सहज सूत्रों का पालन कर। आयुर्वेद उपचार का नहीं जीवन को सही तरीके से जीने का नाम है। बस फिर क्या जीवन में कुछ खास सूत्रों को अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं।

शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

–आईएएनएस

केआर/

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बेफिक्र नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। कैसे? तो बस हमारी अपनी चिकित्सा पद्धति के सहज सूत्रों का पालन कर। आयुर्वेद उपचार का नहीं जीवन को सही तरीके से जीने का नाम है। बस फिर क्या जीवन में कुछ खास सूत्रों को अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं।

शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

–आईएएनएस

केआर/

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बेफिक्र नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। कैसे? तो बस हमारी अपनी चिकित्सा पद्धति के सहज सूत्रों का पालन कर। आयुर्वेद उपचार का नहीं जीवन को सही तरीके से जीने का नाम है। बस फिर क्या जीवन में कुछ खास सूत्रों को अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं।

शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

छठा उपाय ऐसा जो माथे पर बल ला सकता है और ये है माथे पर बाम लगाना। सवाल उठता है कि सब उपाय कर लिया तो ये क्यों? जैसे पैरों पर तेल लगाने से थकन दूर होती है वैसे ही माथे पर बाम लगाने से माथे पर एक बाम लगा सकते हैं। ये मसल्स को रिलैक्स करता है।

सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

ये छोटे लेकिन लाजवाब उपाय अनिद्रा को दूर कर सकते हैं और नैचुरल नींद का सबब हो सकते हैं।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

जब आप का डाइजेशन सही होता है तो सवेरा सुखद होता है। ताजगी, सतर्कता और खुशी के साथ दिन की शुरुआत होती है। और वर्किंग क्लास के लिए बहुत सटीक बात! अच्छी नींद हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।

तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

दूसरी अहम बात जो हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं और सयाने दोहराते हैं कि रात का खाना सोने से तुरंत पहले न निपटाएं, बल्कि सोने से करीब दो घंटे पहले यह जरूरी काम कर लें।

तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

वज्रासन के बाद अच्छी नींद आए इसके लिए पैरों को गुनगुने पानी में डुबोकर कुछ देर तक बैठना चाहिए। चिकित्सकों की राय है कि इससे रक्त संचार सही रहता है।

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सबसे अंत में एक आसान उपाय। दिलो दिमाग को तरोताजा करने वाला! सबसे आखिर में एक अच्छी किताब या उपन्यास पढ़ सकते हैं। ऐसी जिसमें नकारात्मक बातें न हो।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

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तो फिर उपाय क्या है? सबसे पहले शाम को सोने से पहले अच्छा स्नान। नहाने से दिन भर की थकन भी दूर होती है और फ्रेशनेस का एहसास भी होता है।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

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तीसरी अहम बात खाने के बाद वज्रासन करें। भोजन के करीब 15-20 मिनट बाद। इससे एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है। पाचन संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है और नींद में खलल नहीं पड़ती।

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गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

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शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथ, अष्टांग हृदयम कहता है कि नींद में ही आपके जीवन में अच्छे बुरे, स्वस्थ और बीमार जीवन का मंत्र छुपा। प्राचीन भारतीय पद्धति बताती है कि निद्रा, आहार (भोजन) और ब्रह्मचर्य (ऊर्जा प्रबंधन) स्वास्थ्य के तीन स्तंभ हैं। अच्छी नींद पाचन यानि डाइजेशन और अवशोषण यानि एसिमिलेशन में मदद करती है। सवाल उठता है कि इससे फायदा है तो है क्या?

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गुनगुने पानी से पैर निकालने के बाद अगला काम बहुत ही आसान सा है। हल्के हाथ से पैरों की मालिश करना। इससे भी ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बीपी भी कंट्रोल होता है। तिल के तेल से मालिश का लाभ मिलता है।

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