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Home ताज़ा समाचार

यूएस ओपन के फाइनल के 18 साल पूरे, जहां फेडरर के खिलाफ सब दांव पर लगाकर भी हार गए थे एंडी रॉडिक

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September 11, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

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इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

–आईएएनएस

एएस/

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। रोजर फेडरर जिन्होंने अपने करियर में 103 खिताब जीते, जिसमें 20 ग्रैंड स्लैम शामिल हैं। 21वीं सदी की शुरुआत से टेनिस की दुनिया पर राज करने वाले इस खिलाड़ी को उसकी मानसिक मजबूती के लिए जाना जाता है। फेडरर को टेनिस कोर्ट पर देखना हमेशा दिलचस्प रहा है। इसमें और भी दिलचस्प रही है फेडरर और एंडी रॉडिक की प्रतिद्वंद्विता। 11 सितंबर एक ऐसी तारीख है जब फेडरर ने इसी प्रतिद्वंद्वी को मात देकर साल 2006 में यूएस ओपन का खिताब जीता था।

यह जीत बड़ी खास थी। फेडरर ने एंडी रॉडिक को 6-2, 4-6, 7-5, 6-1 से हराकर अपना 9वां ग्रैंड स्लैम जीता था। वह इस जीत के साथ तीन सालों में यूएस ओपन और विंबलडन जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। उस मैच को देखने के लिए गोल्ड लीजेंड टाइगर वुड्स भी मौजूद थे। माना जा रहा था वुड्स की मौजूदगी फेडरर को थोड़ा नर्वस करेगी। लेकिन फेडरर जीते और इस जीत पर वुड्स मुस्करा उठे थे। दूसरी ओर, रॉडिक ने हार के बावजूद शानदार खेल दिखाया था। इससे पहले, कुछ ऐसा ही खेल वह फेडरर के खिलाफ 2004 के विंबलडन फाइनल में भी दिखा चुके थे।

इस जीत के मायने क्या थे? यह एक ऐसे खिलाड़ी की जीत थी जो बचपन में इतना शांत नहीं था। जब खेल उसके हिसाब से नहीं चलता, तब वह रैकेट भी फेंक देता था, चिल्लाता भी था और कभी-कभी गालियां भी दे देता था। फेडरर को जल्द ही पता लग चुका था यह गुस्सा न तो उनको आगे बढ़ने देगा, न ही उनके हालातों को बदलेगा। उन्होंने अपनी माइंड ट्रेनिंग में जी-जान लगा दी थी। उन्हें हारना पसंद नहीं था। इसलिए मानसिक स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती थी। ऐसा नहीं कि बाद में उनको हार नहीं मिली, बस वह जान चुके थे कि क्रोध और शांति के बीच संतुलन को कैसे कायम करना है।

दूसरी ओर एंडी रॉडिक वह खिलाड़ी थे जो पांच बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन सकते थे, अगर फेडरर न होते। यह बताने के लिए काफी है कि रॉडिक के लिए फेडरर क्या रहे होंगे। 2006 के यूएस ओपन में भी फेडरर का रॉडिक के खिलाफ रिकॉर्ड 10-1 का था। आंकड़ों में कोई मैच नहीं था लेकिन सिर्फ आंकड़ों से खेल को परिभाषित भी नहीं किया जा सकता। रॉडिक मानते थे कि फेडरर और उनके खेल में एक स्वाभाविक अंतर था। शायद ही ऐसा कोई मैच हुआ हो जहां फेडरर ने रॉडिक को उनके कंफर्ट जोन से बाहर न निकाला हो।

रॉडिक ने फेडरर के खिलाफ हमेशा बेस्ट से भी बेहतर देने की कोशिश की। 2006 का यह मुकाबला भी ऐसा ही था। यह अमेरिकी खिलाड़ी बार-बार स्विस लीजेंड के सामने खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा था। मैच में कुछ मौके ऐसे भी आई जब रॉडिक ने खुद को जोश दिलाने के लिए चिल्लाते हुए कहा था, “तुम कर सकते हो, एंडी।”

रॉडिक के लिए मैच युद्ध की तरह से था जहां वे ‘लास्ट मैन स्टैंड’ की भावना से मुकाबला करते थे। तमाम प्रयासों के बावजूद वह फेडरर से हार गए थे।

इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इसके तीन साल बाद, यानी 2009 का विंबलडन मैच भी बड़ा चर्चित रहा था। इस मैच को इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता का सबसे लोकप्रिय मुकाबला माना जाता है। चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस मैच में एक बार फिर से रॉडिक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था लेकिन जीत मिली थी फेडरर को। वह 5 सेटों में मिली बड़ी असाधारण जीत थी जो आंकड़ों में रॉडिक की एक और हार के तौर पर दर्ज है लेकिन दर्शकों के स्मृति पटल पर बड़े शानदार मैच के तौर पर छप चुकी है। रॉडिक को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वह इस मैच में सब कुछ कर पाए, सिवाए दो और अंक जीतने के।

–आईएएनएस

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