deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

आरआरटीएस का न्यू अशोक नगर स्टेशन होगा इको फ्रेंडली, रूफ शेड पर लगेंगे 900 सोलर पैनल और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम

by
September 11, 2024
in राष्ट्रीय
0
आरआरटीएस का न्यू अशोक नगर स्टेशन होगा इको फ्रेंडली, रूफ शेड पर लगेंगे 900 सोलर पैनल और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

READ ALSO

शारदीय नवरात्रि में सीएम योगी ने मां पाटेश्वरी के चरणों में लगाई हाजिरी, श्रद्धालुओं से भी की बात

‘हर भारतीय के लिए प्रेरणा के स्रोत’, राहुल और खड़गे ने शहीद भगत सिंह को किया नमन

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पर्यावरण फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जायेंगे जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही इस स्टेशन पर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। साथ ही आसपास की ग्रीनरी के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।

वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही इसके ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।

एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनायी गयी है, जिसका तहत अपने पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है।

अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं।

न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।

इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आसपास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना दोनों का उपयोग कर सकेंगे। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए काफी फायदेमंद होगा।

आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर तक दिल्ली सेक्शन में न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/एएस

Related Posts

शारदीय नवरात्रि में सीएम योगी ने मां पाटेश्वरी के चरणों में लगाई हाजिरी, श्रद्धालुओं से भी की बात
राष्ट्रीय

शारदीय नवरात्रि में सीएम योगी ने मां पाटेश्वरी के चरणों में लगाई हाजिरी, श्रद्धालुओं से भी की बात

September 28, 2025
‘हर भारतीय के लिए प्रेरणा के स्रोत’, राहुल और खड़गे ने शहीद भगत सिंह को किया नमन
राष्ट्रीय

‘हर भारतीय के लिए प्रेरणा के स्रोत’, राहुल और खड़गे ने शहीद भगत सिंह को किया नमन

September 28, 2025
अमेरिका क्वालिटी इश्यू, भारतीय दवा कंपनियों को बाजार से वापस मंगानी पड़ी दवाएं
ताज़ा समाचार

अमेरिका में क्वालिटी इश्यू: 5 भारतीय दवा कंपनियों को बाजार से वापस मंगानी पड़ी दवाएं

September 28, 2025
‘सनातन से भारत की पहचान, धमकी देना बंद करें’, मौलवियों के बयान पर भड़के गिरिराज सिंह
राष्ट्रीय

‘सनातन से भारत की पहचान, धमकी देना बंद करें’, मौलवियों के बयान पर भड़के गिरिराज सिंह

September 28, 2025
करूर भगदड़ : सीपीआई महासचिव डी. राजा बोले- लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि
राष्ट्रीय

करूर भगदड़ : सीपीआई महासचिव डी. राजा बोले- लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि

September 28, 2025
मन की बात 126वें एपिसोड, पीएम मोदी छठ पहचान UNESCO, गांधी जयंती
ताज़ा समाचार

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने छठ पर्व को यूनेस्को में शामिल कराने और स्वदेशी अपनाने की अपील

September 28, 2025
Next Post
राजकुमार की हैट्रिक की बदौलत भारत ने मलेशिया को 8-1 से रौंदा

राजकुमार की हैट्रिक की बदौलत भारत ने मलेशिया को 8-1 से रौंदा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

115032
Total views : 6021494
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In