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Home ताज़ा समाचार

मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने जीता 63वां सुब्रतो कप जूनियर ब्वायज खिताब

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September 11, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

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भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

आरआर/

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

आरआर/

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर के टी.जी. इंग्लिश स्कूल ने मेघालय के म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल को बुधवार को सडन डेथ में 4-3 से हराकर 63वें सुब्रतो कप अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के जूनियर ब्वायज खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

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दोनों टीमें निर्धारित समय में 1-1 की बराबरी पर थीं, जिसके बाद टाई-ब्रेकर के जरिए परिणाम निकाला गया। नंदिगोंग ने पहले हाफ के 32वें मिनट में मणिपुर को बढ़त दिलाई, लेकिन बानप्लिबोक खोंगजोह ने खेल के 64वें मिनट में पेनल्टी के जरिए स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मेघालय के गोलकीपर वानप्ली मलंग सडन डेथ टाई-ब्रेकर की पहली स्पॉट-किक में चूक कर गये जिससे मणिपुर को 43 साल बाद खिताबी जीत हासिल हुई। मणिपुर की टीम ने लगभग 20 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए यह खिताब जीता।

भारतीय वायुसेना प्रमुख और सुब्रतो मुखर्जी स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसाइटी (एसएमईएस) के चेयरमैन, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस अवसर पर 2022 एशियाई खेलों की डबल सिल्वर मेडलिस्ट हरमिलन बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं।

पुरस्कार वितरण के दौरान मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा, “सुब्रतो कप के 63वें संस्करण का समापन एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इस टूर्नामेंट ने एक बार फिर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक शानदार मंच प्रदान किया है। इस साल हमने कई होनहार एथलीटों का उदय देखा है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इनमें से कुछ भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं न केवल जूनियर ब्वायज श्रेणी के विजेताओं बल्कि जूनियर गर्ल्स और सब-जूनियर ब्वायज श्रेणियों के चैंपियनों को भी बधाई देता हूं। हर खिलाड़ी ने अपार समर्पण दिखाया है, और हम अगले साल के सुब्रतो कप को और बड़ा और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर भारत में जमीनी स्तर के फुटबॉल के मानकों को ऊंचा उठाते रहेंगे।”

मेघालय की टीम ने पूरे मैच में दबदबा बनाए रखा और वह अधिक संगठित और रचनात्मक दिखी, लेकिन वे फिनिशिंग में पिछड़ गए। दूसरी ओर, मणिपुर के खिलाड़ियों ने डिफेंस में मजबूती दिखाते हुए जीत अपने नाम की।

मेघालय की टीम का अटैक मुख्य रूप से उनके रचनात्मक सेंट्रल मिडफील्डर बानप्लिबोक द्वारा संचालित था, जिन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। उनकी टीम के राइट विंगर बांगानसों नोंगल्हांग ने इस टूर्नामेंट में तीन हैट्रिक लगाई।

मेघालय ने कई मौके गंवाए, लेकिन मणिपुर ने खेल के प्रवाह के खिलाफ जाकर पहला गोल किया। नंदिगोंग ने छः गज बॉक्स में एक लम्बे थ्रो के बाद गोल किया। मणिपुर की टीम ने दूसरे हाफ में मरून से लाइट ब्लू रंग की जर्सी बदलकर मैदान में कदम रखा और अपनी बढ़त को बनाए रखने का प्रयास किया।

मेघालय को दूसरे हाफ के 16वें मिनट में पहला पेनल्टी मिला, लेकिन अलीसेस्टर थांगकिव ने पोस्ट पर गेंद मारी, जबकि गोलकीपर रानीदास ने गलत दिशा में छलांग लगाई। यह तब हुआ जब मणिपुर के हीरोबा को रेड कार्ड दिखाया गया, जिससे उनकी टीम 10 खिलाड़ियों के साथ खेली।

अंत में, 10 मिनट शेष रहते श्यल्ला के शॉट पर नेस्तनबॉय के हाथ लगने से मेघालय को दूसरी पेनल्टी मिली, जिसे बानप्लिबोक ने आसानी से गोल में बदला।

70 मिनट बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं और मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। मणिपुर के लिए एलेक्स और नंदिगोग ने स्कोर किया, जबकि मेघालय के रिचबोर्न और पिन्शैलांग चूक गए। हालांकि, योहेंबा और मणिपुर के कप्तान मनीमतुम के मिस से मेघालय ने वापसी की। अंततः सडन डेथ में, फॉनिस ने मणिपुर के लिए गोल किया जबकि वानप्ली नगोल गोल करने से चूक गये।

हरमिलन बैंस ने मैच के बाद कहा, “सुब्रतो कप के फाइनल में इन युवा खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा और खेल भावना को देखना अद्भुत रहा। एक एथलीट के रूप में, मैं समझती हूं कि इस तरह के मंच एक खिलाड़ी के भविष्य को आकार देने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इन खिलाड़ियों ने जो जुनून, साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं और मुझे विश्वास है कि इनमें से कई युवा फुटबॉल खिलाड़ी आने वाले वर्षों में चमकेंगे।”

विजेताओं को 5,00,000 रुपये मिले, जबकि उपविजेता को 3,00,000 रुपये मिले। सेमीफाइनल में हारने वाली टीमों को 75,000 रुपये और क्वार्टर फाइनल में हारने वाली टीमों को 40,000 रुपये मिले।

व्यक्तिगत पुरस्कार

– सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (₹40,000): बानप्लिबोक खोंगजोह, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (₹25,000): मास्टर रानीदास (टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर)

– सर्वश्रेष्ठ कोच (₹25,000): किटबोरलंस खरलुखी, (म्यंगकन क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय)

– फेयर प्ले अवॉर्ड (₹50,000): गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

– सर्वश्रेष्ठ स्कूल (₹40,000): टी.जे. इंग्लिश स्कूल, बिष्णुपुर, मणिपुर

–आईएएनएस

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