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Home ताज़ा समाचार

दिल्ली : ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए बढ़ेंगीं 100 सीटें

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September 11, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 सीटें बढ़ाने का फैसला लिया है। इस स्कीम का लाभ ले रहे बच्चों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की।

दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

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शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एससीएच

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 सीटें बढ़ाने का फैसला लिया है। इस स्कीम का लाभ ले रहे बच्चों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की।

दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 सीटें बढ़ाने का फैसला लिया है। इस स्कीम का लाभ ले रहे बच्चों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की।

दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 सीटें बढ़ाने का फैसला लिया है। इस स्कीम का लाभ ले रहे बच्चों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की।

दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 सीटें बढ़ाने का फैसला लिया है। इस स्कीम का लाभ ले रहे बच्चों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की।

दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एससीएच

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नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 सीटें बढ़ाने का फैसला लिया है। इस स्कीम का लाभ ले रहे बच्चों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की।

दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

–आईएएनएस

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

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आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

आतिशी ने आगे कहा कि इस स्कीम के तहत एनरोल सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आप बच्चों को सिर्फ खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे उन लाखों बच्चों के लिए जेईई-नीट की परीक्षा में सफल होना है।

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दरअसल, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ के जरिए दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही है। इस स्कीम के जरिए हर साल कक्षा 9वीं और 11वीं के 300 बच्चों को टॉप कोचिंग संस्थानों में जेईई-नीट की फ्री कोचिंग के लिए चुना जाता है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रख्यात संस्थानों में नीट-जेईई की फ्री कोचिंग पा रहे छात्रों से बातचीत की, कोचिंग के उनके अनुभवों को जाना और उनका उत्साह बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अपना सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। सरकार पैसों की कमी कभी भी उनके सपनों के आड़े नहीं आने देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि अमीर हो या गरीब, हर परिवार का बच्चा आगे बढ़े और अपने सपने पूरे करे, जिसके लिए हमने इस स्कीम की शुरुआत की।

लड़कियों को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले, इसको लेकर आतिशी ने घोषणा की, “आगे सत्र से ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ में छात्राओं के लिए 100 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। इस स्कीम में एनरोल बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब स्टूडेंट्स की बारी है। वो अपना सपना पूरा करें और दुनिया को दिखाएं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी से कम नहीं हैं।”

स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “टैलेंट अमीरी या गरीबी नहीं देखता, एक टैलेंटेड बच्चा किसी भी घर में पैदा हो सकता है। लेकिन, कभी भी पैसों की कमी बच्चों के टैलेंट के आड़े नहीं आए, इसलिए ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस स्कीम की शुरुआत की।

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स्टूडेंट्स ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कोचिंग के कारण अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग की महंगी फीस की टेंशन नहीं है और हम पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में लगा पाते हैं। कोचिंग की लाखों की फ़ीस डॉक्टर-इंजीनियर बनने के हमारे सपने के बीच एक बाधा थी। लेकिन, ‘मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली विद्यार्थी कोचिंग योजना’ ने इस बाधा को दूर किया है।

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