रांची, 13 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने ये जमानत कथित शराब नीति से जुड़ी सीबीआई की एफआईआर मामले में दी है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि जमानत तो मिलनी ही थी। बेबुनियाद आरोप में कितने दिन जेल में रखेंगे। हेमंत सोरेन को 5 महीने तक जेल में रखा गया। वह पांच महीने कौन लौटाएगा।
अरविंद केजरीवाल को जमानत पहले ही मिल जानी चाहिए थी। लेकिन, देर से ही सही जमानत मिल गई है।
मनोज पांडेय ने कहा, “अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से निश्चित ही इंडिया गठबंधन मजबूत होगा। अरविंद केजरीवाल उन चंद नेताओं में से हैं जो सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ खड़े हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने के दौरान सख्त शर्त रखी है। वह मुख्यमंत्री ऑफिस नहीं जा सकते हैं। किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते हैं। केस से संबंधित कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। केस से जुड़े गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं।
मनोज पांडेय ने कहा, “कोर्ट ने जो भी दिशा-निर्देश उन्हें दिए हैं, उनका उन्हें पालन करना चाहिए। मुझे लगता है कि वह कोर्ट के निर्देश का पालन करेंगे।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे देने वाले बयान पर उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि यह उनका निजी विचार है। लेकिन, जो घटना पश्चिम बंगाल में हुई है, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। सभी लोग इससे बहुत आहात हैं।
मुख्यमंत्री का प्रयास है कि दोबारा इस तरह की घटना प्रदेश में न हो। इसके लिए उन्होंने आवश्यक कदम भी उठाए हैं। आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए कानून बनाकर आगे भेजा गया। मैं मानता हूं कि उनकी ईमानदार कोशिश है और इसके पीछे जो कुछ राजनीतिक दल हैं, जो राजनीति कर रहे हैं, उससे अफसोस होता है।
दूसरे राज्यों में भी वीभत्स घटनाएं होती हैं। मध्य प्रदेश में दो महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हुआ है। उज्जैन में घटनाएं सामने आईं। ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बल्कि, प्रयास होना चाहिए कि इस तरह की घटना दोबारा न हो। कड़े से कड़े कानून बनाने की जरूरत है।
–आईएएनएस
डीकेएम/एफजेड
रांची, 13 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने ये जमानत कथित शराब नीति से जुड़ी सीबीआई की एफआईआर मामले में दी है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि जमानत तो मिलनी ही थी। बेबुनियाद आरोप में कितने दिन जेल में रखेंगे। हेमंत सोरेन को 5 महीने तक जेल में रखा गया। वह पांच महीने कौन लौटाएगा।
अरविंद केजरीवाल को जमानत पहले ही मिल जानी चाहिए थी। लेकिन, देर से ही सही जमानत मिल गई है।
मनोज पांडेय ने कहा, “अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से निश्चित ही इंडिया गठबंधन मजबूत होगा। अरविंद केजरीवाल उन चंद नेताओं में से हैं जो सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ खड़े हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने के दौरान सख्त शर्त रखी है। वह मुख्यमंत्री ऑफिस नहीं जा सकते हैं। किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते हैं। केस से संबंधित कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। केस से जुड़े गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं।
मनोज पांडेय ने कहा, “कोर्ट ने जो भी दिशा-निर्देश उन्हें दिए हैं, उनका उन्हें पालन करना चाहिए। मुझे लगता है कि वह कोर्ट के निर्देश का पालन करेंगे।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे देने वाले बयान पर उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि यह उनका निजी विचार है। लेकिन, जो घटना पश्चिम बंगाल में हुई है, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। सभी लोग इससे बहुत आहात हैं।
मुख्यमंत्री का प्रयास है कि दोबारा इस तरह की घटना प्रदेश में न हो। इसके लिए उन्होंने आवश्यक कदम भी उठाए हैं। आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए कानून बनाकर आगे भेजा गया। मैं मानता हूं कि उनकी ईमानदार कोशिश है और इसके पीछे जो कुछ राजनीतिक दल हैं, जो राजनीति कर रहे हैं, उससे अफसोस होता है।
दूसरे राज्यों में भी वीभत्स घटनाएं होती हैं। मध्य प्रदेश में दो महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हुआ है। उज्जैन में घटनाएं सामने आईं। ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बल्कि, प्रयास होना चाहिए कि इस तरह की घटना दोबारा न हो। कड़े से कड़े कानून बनाने की जरूरत है।
–आईएएनएस
डीकेएम/एफजेड