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Home ताज़ा समाचार

बसों में आग लगने का कारण पता लगाएंगे आईआईटी के विशेषज्ञ

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September 13, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

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विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की बसों में आग लगने संबंधी घटनाओं की जांच आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ करेंगे। इसके लिए आईआईटी-दिल्ली ने छह विशेषज्ञों के नाम सुझाए हैं। विशेषज्ञों की यह समिति तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे देगी। वहीं आठ सप्ताह में विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित यह समिति आग लगने की घटना के मूल कारणों की पहचान करेगी। साथ ही दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सुझाव भी देगी।

दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

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दरअसल दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, परिवहन विभाग के अनुरोध पर आईआईटी-दिल्ली ने मामले की जांच के लिए छह विशेषज्ञों के नाम की सिफारिश की है। समिति की अध्यक्षता मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंजन रे करेंगे। इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर सहित कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल होंगे

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से गठित समिति मूल कारणों की पहचान करने और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन बसों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी।

समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजन रे मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं। इसके सदस्यों में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के. सरोहा, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो कृष्णकांत अग्रवाल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सुमित कुमार प्रमाणिक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, प्रो. सौरभ सक्सेना, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च एंड ट्राइबोलॉजी व प्रो. राहुल गोयल, ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर (सदस्य-संयोजक) शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक सार्वजनिक परिवहन बसों में आग लगने की दो अलग घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पहली घटना 19 मई, 2024 को हुई थी जिसमें एक इलेक्ट्रिक बस में आग लग गई थी, जबकि दूसरी आग लगने की घटना 29 अगस्त, 2024 को क्लस्टर योजना के तहत चलने वाली सीएनजी बस में हुई थी। इन घटनाओं के आलोक में, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कारणों की जांच करने और निवारक उपायों के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक बहु-अनुशासनात्मक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

विशेषज्ञ समिति को जो काम सौंपा गया है उसमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों में आग लगने के कारणों की जांच करना। इन घटनाओं में बस रखरखाव की भूमिका का आकलन करना, संभावित आग की स्थिति में ड्राइवरों को सचेत करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की सिफारिश करना शामिल है। इसके अलावा, आपात स्थिति से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय प्रस्तावित करना शामिल है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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