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Home ताज़ा समाचार

तिहाड़ जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल, कोर्ट से इन शर्तों पर मिली है जमानत

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September 13, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में उन्हें जमानत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें सर्शत जमानत दी है।

मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे।

उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा।”

बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

–आईएएनएस

एसके/जीकेटी

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में उन्हें जमानत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें सर्शत जमानत दी है।

मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे।

उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा।”

बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

–आईएएनएस

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मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

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उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा।”

बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

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मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे।

उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा।”

बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

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मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे।

उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा।”

बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

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मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे।

उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा।”

बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

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मतलब साफ है कि जेल से बाहर आए सीएम केजरीवाल कोई भी बड़ा कदम नहीं उठा सकते हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।

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उधर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती।

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बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी। हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था।

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