deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के बारे में बोले लाभार्थी, पूंजी की समस्या नहीं होगी, प्रशिक्षण से काम में निखार आया

by
September 13, 2024
in राष्ट्रीय
0
‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के बारे में बोले लाभार्थी, पूंजी की समस्या नहीं होगी, प्रशिक्षण से काम में निखार आया
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

READ ALSO

छत्तीसगढ़: एलडब्ल्यूई विरोधी अभियान में बड़ी सफलता, एक साथ 71 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

लालू परिवार में लड़ाई की असली वजह- जंगलराज में राजा कौन बनेगा : हर्षवर्धन सिंह

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

ADVERTISEMENT

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हाथ से मूर्ति बनाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, पत्थर तराशने वाले, फूलों की माला बनाने वाले लोग ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ से जुड़कर काफी खुश हैं। इस योजना से जुड़ने के बाद सभी को लाभार्थी कार्ड भी दिया गया है।

बता दें कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में शुरू की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद था कि छोटे व्यापार करने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए, जिससे वह अपने छोटे से व्यापार का आकार बढ़ा सकें। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो।

बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर से आए कारीगरों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में आईएएनएस से बात की।

गया जिले के रहने वाले धीरज कुमार ने बताया कि पत्थर और लकड़ी को मूर्ति को वह आकार देते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना के आने से पहले घर से थोड़ा पैसा लेकर अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करते थे। आर्थिक तौर पर काम करना एक चुनौती था। लेकिन, इस योजना के आने के बाद से हम अपने काम का विस्तार करेंगे।

मुजफ्फरपुर से आए लखिंदर सिंह ठाकुर ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। वह नाई का काम करते हैं। इस योजना से कम पूंजी लगाकर व्यापार किया जा सकता है। पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी।

दानापुर के कारीगर सच्चा लाल यादव ने कहा कि वह इस योजना से जुड़े हैं। सरकार की तरफ से लोन मिलता है तो बहुत अच्छा होगा।

मलीराम भगत ने कहा कि वह फूलों की माला बनाने का काम करते हैं। लोगों को फूल बनाने का काम भी सिखाते हैं। माला बनाने के लिए लोन मुहैया कराया गया है। पीएम की यह योजना काफी अच्छी है। पहले इस तरह की योजना नहीं थी। हम लोगों को आगे बढ़ाने का काम पीएम ने इस योजना के माध्यम से किया है।

बख्तियारपुर के रहने वाले व मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कारीगर आनंद मोहन ने बताया कि विश्वकर्मा योजना से काफी लाभ मिला है। इस योजना के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण से हमारे काम में निखार आया है। प्रशिक्षण के दौरान, हमें ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।

–आईएएनएस

डीकेएम/जीकेटी

Related Posts

छत्तीसगढ़: एलडब्ल्यूई विरोधी अभियान में बड़ी सफलता, एक साथ 71 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
राष्ट्रीय

छत्तीसगढ़: एलडब्ल्यूई विरोधी अभियान में बड़ी सफलता, एक साथ 71 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

September 24, 2025
लालू परिवार में लड़ाई की असली वजह- जंगलराज में राजा कौन बनेगा : हर्षवर्धन सिंह
राष्ट्रीय

लालू परिवार में लड़ाई की असली वजह- जंगलराज में राजा कौन बनेगा : हर्षवर्धन सिंह

September 24, 2025
राष्ट्रीय

रेलकर्मियों को 78 दिनों का बोनस, कर्मचारियों ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद

September 24, 2025
भारत के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि, किसी भी देश के दबाव में संप्रभुता से समझौता नहीं : सरबजीत सिंह शेंटी
राष्ट्रीय

भारत के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि, किसी भी देश के दबाव में संप्रभुता से समझौता नहीं : सरबजीत सिंह शेंटी

September 24, 2025
जाति आधारित रैलियों पर प्रतिबंध यूपी सरकार का तानाशाही आदेश : इकरा हसन
राष्ट्रीय

जाति आधारित रैलियों पर प्रतिबंध यूपी सरकार का तानाशाही आदेश : इकरा हसन

September 24, 2025
मुस्लिम महिलाओं को आज तक नहीं मिला बराबरी का दर्जा : उत्तर प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष
राष्ट्रीय

मुस्लिम महिलाओं को आज तक नहीं मिला बराबरी का दर्जा : उत्तर प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष

September 24, 2025
Next Post
कंबाइंड वैकेंसी की मांग को सहायक अभियंता के अभ्यर्थियों  ने की बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा से मुलाकात

कंबाइंड वैकेंसी की मांग को सहायक अभियंता के अभ्यर्थियों  ने की बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा से मुलाकात

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

113151
Total views : 6011640
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In