नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय तटरक्षक बल के जवान इंडोनेशिया में योग करते नजर आएंगे, इस दौरान उनके साथ इंडोनेशिया के जवान भी रहेंगे। तटरक्षक बल (आईसीजी) का अपतटीय गश्ती जहाज ‘सुजय’ इंडोनेशिया में बाली के बंदरगाह पर पहुंचा है। पूर्वी एशिया में चल रही विदेशी तैनाती प्रक्रिया के तहत ‘सुजय’ बुधवार को इंडोनेशिया पहुंचा है। यहां तैनाती के दौरान सुजय पर योग भी किया जाएगा।
भारत का यह आधुनिक समुद्री जहाज हेलीकॉप्टर से लैस है। ‘सुजय’ अगले तीन दिन तक इंडोनेशिया के बाली बंदरगाह पर रहेगा। आईसीजीएस सुजय का चालक दल, यहां ‘बदन केमनन लौट रिपब्लिक इंडोनेशिया’ (बीएकेएएमएलए) के साथ ऑपरेशनल टर्न अराउंड पर महत्वपूर्ण चर्चा करेगा। इसके अलावा समुद्री प्रदूषण पर भी दोनों देशों की प्रतिक्रिया को लेकर-विचार विमर्श होगा। साथ ही समुद्री खोज, बचाव तथा समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित करने जैसे मुद्दों पर पेशेवर बातचीत की जाएगी।
दोनों देशों के तटरक्षक बल इस यात्रा के दौरान क्रॉस डेक प्रशिक्षण में हिस्सा लेंगे। सुजय पर योग भी किया जाएगा। यहां भारत और इंडोनेशिया के जवानों हेतु संयुक्त योग सत्र और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन जैसी गतिविधियां होनी हैं। इसके अतिरिक्त, आईसीजीएस सुजय पर तैनात दल में शामिल 10 एनसीसी कैडेट स्थानीय युवा संगठनों के सहयोग से ‘समुद्री प्रदूषण’ के दुष्प्रभावों के बारे में समुदाय को जागरूक करने के लिए पर्यावरण संरक्षण वॉकथॉन में हिस्सा लेंगे।
आईसीजी ने समुद्री सहयोग बढ़ाने और सहकारी कार्यों को संस्थागत बनाने के लिए बीएकेएएमएलए के साथ 6 जुलाई 2020 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले आईसीजीएस सुजय ने जकार्ता, इंडोनेशिया, इंचियोन और दक्षिण कोरिया के बंदरगाहों की यात्रा की है। सुजय ने इस क्षेत्र में राजनयिक समुद्री जुड़ाव की निर्बाध निरंतरता को बनाए रखने की भूमिका निभाई है।
पूर्वी एशिया में आईसीजीएस सुजय की तैनाती हिंद-प्रशांत देशों के साथ मधुर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए की गई है। यह समुद्री सहयोग के माध्यम से मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इंडोनेशिया पहुंचने से पहले हेलीकॉप्टर से लैस भारतीय अपतटीय गश्ती जहाज ‘सुजय’ दक्षिण कोरिया के इंचियोन गया था। ‘सुजय’ यहां चार दिवसीय यात्रा पर रहा।
इस दौरान, आईसीजी दल ने कोरिया तट रक्षक (केसीजी) के साथ समुद्र सुरक्षा पर महत्वपूर्ण चर्चा की। यहां भारतीय कैडेट्स ने प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर समुदाय को जागरूक बनाने के प्रयासों में भाग लिया। यह कदम, भारत सरकार के ‘पुनीत सागर अभियान’ के अनुरूप और अंतरराष्ट्रीय संपर्क बढ़ाने हेतु उठाए जा रहे हैं।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम